Thursday, December 25

Uttar Pradesh

115 साल बाद लौटे अपनेपन की ओर: फिजी से बस्ती पहुंचे रविंद्र दत्त–छठी पीढ़ी से मिल छलक उठीं आंखें
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115 साल बाद लौटे अपनेपन की ओर: फिजी से बस्ती पहुंचे रविंद्र दत्त–छठी पीढ़ी से मिल छलक उठीं आंखें

बस्ती, यूपी: खून के रिश्तों की डोर चाहे जितनी भी लंबी क्यों न हो, समय की धूल उसे मिटा नहीं सकती। इसका जीवंत उदाहरण देखने को मिला बस्ती जिले के बनकटी ब्लॉक के कबरा गांव में, जहां फिजी में बसे भारतीय मूल के रविंद्र दत्त 115 साल बाद अपने पैतृक गांव पहुंचे। अपने पूर्वजों की धरती पर कदम रखते ही उनकी आंखें नम हो गईं, और अपनों से मिलते ही भावनाओं का सैलाब उमड़ पड़ा। 1910 में फिजी गए थे परदादा गरीब राम रविंद्र दत्त के परदादा गरीब राम उन हजारों भारतीयों में शामिल थे जिन्हें अंग्रेज शासनकाल में 1910 में गिरमिटिया मजदूर बनाकर फिजी भेजा गया था। वहां कठिन मजदूरी करवाने के बाद उन्हें भारत लौटने नहीं दिया गया। समय के साथ परिवार वहीं बस गया, लेकिन जड़ों की खोज ने परपोते को फिर अपनी मिट्टी तक खींच लाया। इमिग्रेशन पास से मिली नई उम्मीद रविंद्र दत्त ने बताया कि लंबे समय तक तलाश के बाद उन्हें परदा...
115 साल बाद फिजी से लौटे परपोते, पैतृक गांव में छलक उठीं आंखें
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115 साल बाद फिजी से लौटे परपोते, पैतृक गांव में छलक उठीं आंखें

बस्ती: खून के रिश्ते की ताकत अद्भुत होती है। सालों बाद भी दूर रह रहे अपनों से मिलने की चाह इंसान को बेचैन कर देती है। कुछ ऐसा ही नजारा देखने को मिला बस्ती के बनकटी विकास खंड क्षेत्र के कबरा गांव में, जब 115 साल बाद फिजी से रविंद्र दत्त और उनकी पत्नी केशनी हरे अपने पैतृक गांव पहुंचे। अपनों से मिलने पर उनकी आंखें भावनाओं से छलक उठीं। परिवार का इतिहास रविंद्र दत्त के परदादा गरीब राम 1910 में अंग्रेजों के शासनकाल के दौरान गिरमिटिया मजदूर बनाकर फिजी भेजे गए थे। वहां उनके परदादा और उनका परिवार बस गया और भारत लौट नहीं सके। कई सालों तक जानकारी जुटाने के बाद रविंद्र को अपने परदादा का इमिग्रेशन पास मिला, जिसमें उनके जीवन और फिजी बसने की पूरी जानकारी दर्ज थी। भारत में जुटाई जानकारी रविंद्र दत्त ने 2019 में भारत आकर अपने परिवार की खोज शुरू की। इस दौरान वह अयोध्या गए और भगवान राम से मन्नत म...
मेरठ में बनेगा 500 लोगों की क्षमता वाला डिटेंशन सेंटर, 6500 संदिग्धों की पहचान, प्रवासी बस्तियों पर ड्रोन से निगरानी
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मेरठ में बनेगा 500 लोगों की क्षमता वाला डिटेंशन सेंटर, 6500 संदिग्धों की पहचान, प्रवासी बस्तियों पर ड्रोन से निगरानी

मेरठ: उत्तर प्रदेश के मेरठ प्रशासन ने शहर की झुग्गी–झोपड़ी और मलिन बस्तियों में रहने वाले प्रवासी परिवारों पर कड़ी निगरानी शुरू कर दी है। हालिया सर्वे में लगभग 6500 संदिग्ध व्यक्तियों की पहचान की गई है। प्रशासन ने डिटेंशन सेंटर स्थापित करने की योजना बनाई है, जिसकी क्षमता कम से कम 500 विदेशी नागरिकों के रहने की होगी। सर्वे और पहचान की प्रक्रिया झुग्गी-झोपड़ी प्रकोष्ठ द्वारा किए गए सर्वे में 1600 परिवारों की जांच की गई। इसमें से 3200 लोगों की पहचान को लेकर गंभीर शंका जताई गई है। इनकी पहचान विभिन्न राज्यों की पुलिस को सत्यापन के लिए भेजी गई है। सर्वाधिक संख्या असम से आए प्रवासियों की है, जबकि शेष बंगाल, राजस्थान और मध्य प्रदेश से हैं। एसएसपी डॉ. विपिन ताडा ने बताया कि 52 स्थानों को चिन्हित किया गया है, जहाँ बड़ी संख्या में प्रवासी अस्थायी बस्तियों में रहते हैं। जिन लोगों ने पहचान संब...
गाजियाबाद के इनामी बदमाश का बुलंदशहर में हाफ एनकाउंटर, पुलिस ने अफरोज आलम को किया गिरफ्तार
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गाजियाबाद के इनामी बदमाश का बुलंदशहर में हाफ एनकाउंटर, पुलिस ने अफरोज आलम को किया गिरफ्तार

बुलंदशहर: बुलंदशहर पुलिस ने वाहन जांच के दौरान हुई मुठभेड़ में गाजियाबाद के 20 हजार रुपये इनामी बदमाश अफरोज आलम को घायल अवस्था में गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी के कब्जे से अवैध तमंचा और कारतूस बरामद किए गए हैं। प्राथमिक उपचार के बाद उसे अदालत में पेश कर जेल भेजा जाएगा। घटना का विवरण पुलिस टीम नगर कोतवाली क्षेत्र व वलीपुरा-नहर के पास चेकिंग कर रही थी, जब एक संदिग्ध स्कूटी सवार को रोकने का प्रयास किया गया। अफरोज आलम ने पुलिस पर फायरिंग शुरू कर दी और भागने का प्रयास किया। जवाबी कार्रवाई में पुलिस की गोलियों से उसके पैर में गोली लगी और वह घायल होकर पकड़ में आ गया। घायल हालत में उसे तुरंत अस्पताल ले जाया गया। पुलिस सूत्रों के अनुसार, उसकी हालत स्थिर बताई जा रही है। आरोपी की पहचान और आपराधिक रिकार्ड अफरोज आलम, खुशहाल पार्क, लोनी, थाना ट्रॉनिका सिटी, गाजियाबाद का निवासी है। उस पर गैंगस्...
लखनऊ का चारबाग रेलवे स्टेशन: नवाबी बागों से अंग्रेजों के भव्य स्टेशन तक का सफर
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लखनऊ का चारबाग रेलवे स्टेशन: नवाबी बागों से अंग्रेजों के भव्य स्टेशन तक का सफर

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ और नवाबी संस्कृति एक-दूसरे के पर्याय हैं। नवाबी रंग-रूप, अदब-ओ-तहजीब और खूबसूरत बागों की विरासत ने इस शहर को ‘नवाबों की नगरी’ का खिताब दिलाया है। ऐसे ही गौरवशाली इतिहास का प्रतीक है चारबाग — जो सिर्फ एक रेलवे स्टेशन नहीं, बल्कि लखनऊ के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक वैभव का जीवंत उदाहरण है। चारबाग का नाम कैसे पड़ा पुराने समय में इस इलाके को ‘चहार बाग’ कहा जाता था। अवध के चौथे नवाब आसफुद्दौला का यह पसंदीदा बाग था। इतिहासकार रवि भट्ट के अनुसार, 1775 में नवाब आसफुद्दौला ने राजधानी फैजाबाद से लखनऊ स्थानांतरित की और चारबाग बनवाया। इस्लाम में चारबाग की कल्पना जन्नत के बाग से की गई थी, जो चार बराबर हिस्सों में बंटा होता है। लखनऊ का चारबाग भी छोटी-छोटी नहरों और रास्तों से चार हिस्सों में विभाजित था, और इसके मध्य में एक ईरानी शैली का भवन स्थित था। 1857 का युद्ध औ...
इंस्पेक्टर अरुण राय की संदिग्ध मौत ने बढ़ाए सवाल महिला कॉन्स्टेबल मीनाक्षी शर्मा गिरफ्तार, ब्लैकमेलिंग से जुड़ रहे तार
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इंस्पेक्टर अरुण राय की संदिग्ध मौत ने बढ़ाए सवाल महिला कॉन्स्टेबल मीनाक्षी शर्मा गिरफ्तार, ब्लैकमेलिंग से जुड़ रहे तार

जालौन/उरई: यूपी के जालौन में कुठौंद थाने के प्रभारी इंस्पेक्टर अरुण कुमार राय की मौत का मामला अब और उलझता जा रहा है। आत्महत्या समझे जा रहे इस केस में नए खुलासों ने जांच की दिशा बदल दी है। जिस महिला कॉन्स्टेबल मीनाक्षी शर्मा को घटना वाली रात इंस्पेक्टर के कमरे से चीखते हुए बाहर निकलते देखा गया था, उसे पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। शुरुआत से ही उसकी भूमिका संदिग्ध मानी जा रही थी। इंस्पेक्टर की पत्नी माया राय की तहरीर पर महिला कॉन्स्टेबल के खिलाफ हत्या का केस दर्ज किया गया है। पुलिस हर ऐंगल से जांच में जुटी है। 9:15 बजे पहुंची, 9:18 पर चीखते हुए भागी – CCTV फुटेज ने बढ़ाए संदेह 5 दिसंबर की रात इंस्पेक्टर अरुण कुमार राय ने अपने सर्विस रिवॉल्वर से कनपटी में गोली मार ली थी। गोली सिर के आर-पार निकल गई। पिस्टल उनके पेट पर पड़ी मिली।CCTV में दिखा कि रात 9:15 बजे मीनाक्षी उनके सरकारी आवास प...
प्रयागराज में आज SIR मेगा कैंप: मतदाता सूची पुनरीक्षण के तहत प्रशासन अलर्ट, शहरी क्षेत्रों में सबसे ज्यादा चुनौती
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प्रयागराज में आज SIR मेगा कैंप: मतदाता सूची पुनरीक्षण के तहत प्रशासन अलर्ट, शहरी क्षेत्रों में सबसे ज्यादा चुनौती

प्रयागराज: उत्तर प्रदेश में चल रहे विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) अभियान के तहत आज 8 दिसंबर को प्रयागराज में मेगा कैंप आयोजित किया जा रहा है। मतदाता सूची को अपडेट और सत्यापित करने के लिए प्रशासन ने व्यापक तैयारी की है। खास बात यह है कि इस बार सबसे बड़ी समस्या शहरी क्षेत्रों में ‘नो मैपिंग’ का बड़ा आंकड़ा है, जिसने अधिकारियों की चिंता बढ़ा दी है। क्या है ‘नो मैपिंग’ मामला? जिन मतदाताओं का नाम 2025 की मतदाता सूची में तो शामिल है, लेकिन 2003 की सूची से उनका कोई रिकॉर्ड नहीं मिल पा रहा है, वे नो मैपिंग की श्रेणी में आते हैं। इनमें किसी भी तरह का पुराना प्रमाण नहीं मिलने पर ऐसे नाम मतदाता सूची से हटाए जा सकते हैं।ग्राम क्षेत्रों के मुकाबले शहर के तीन विधानसभा क्षेत्रों—शहर दक्षिणी, शहर उत्तरी और शहर पश्चिमी—में यह समस्या गंभीर है। शहर दक्षिणी: 42% वोटरों की मैपिंग नहीं शहर उत्तरी: 39% ...
माघ मेला 2026: दंडी बाड़ा और दंडी संन्यासियों की कठोर साधना की दुनिया
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माघ मेला 2026: दंडी बाड़ा और दंडी संन्यासियों की कठोर साधना की दुनिया

प्रयागराज। विश्व के सबसे बड़े धार्मिक और आध्यात्मिक आयोजन माघ मेला 2026 में दंडी बाड़ा का विशेष महत्व माना जाता है। प्रयागराज में त्रिवेणी संगम के तट पर यह आयोजन हजारों श्रद्धालुओं और साधुओं को आकर्षित करता है। इस वर्ष भी भक्तों को दंडी संन्यासियों से मिलने और उनके जीवन दर्शन को जानने का अवसर मिलेगा। दंडी बाड़ा क्या है? दंडी बाड़ा उन संन्यासियों और संतों का संगठन है जो हाथ में ‘दंड’ धारण करते हैं। यह दंड संयम, साधना और त्याग का प्रतीक माना जाता है। दंडी संन्यासियों का यह संगठन धार्मिक आयोजनों, विशेषकर कुंभ और माघ मेले में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। हाथ में दंड धारण करने वाले संन्यासी को दंडी संन्यासी कहा जाता है। यह कोई संप्रदाय नहीं बल्कि आश्रम परंपरा है। प्रथम दंडी संन्यासी के रूप में भगवान नारायण को माना जाता है। शंकराचार्य ने धर्म की रक्षा के लिए दशनाम संन्यास और अ...
फिल्मी स्टाइल में ‘कर्नल’ गिरफ्तार सोनभद्र पुलिस ने 5000 के इनामी गो-तस्कर को दबोचा, ऑपरेशन की कहानी पढ़कर आप भी कहेंगे—वाह!
State, Uttar Pradesh

फिल्मी स्टाइल में ‘कर्नल’ गिरफ्तार सोनभद्र पुलिस ने 5000 के इनामी गो-तस्कर को दबोचा, ऑपरेशन की कहानी पढ़कर आप भी कहेंगे—वाह!

सोनभद्र। यूपी के सोनभद्र जिले में पुलिस ने शुक्रवार रात एक ऐसा ऑपरेशन अंजाम दिया, जिसे देखकर किसी थ्रिलर फिल्म का दृश्य याद आ जाए। करमा थाना क्षेत्र के कुचमरवा (ककराही) गांव में 5000 रुपये के इनामी गो-तस्कर शिवाजी निषाद उर्फ कर्नल को पुलिस ने घेराबंदी कर पकड़ा। लंबे समय से फरार चल रहे कर्नल की तलाश में पुलिस कई महीनों से जुटी थी। रात के अंधेरे में चला सटीक ऑपरेशन शुक्रवार देर शाम पुलिस को एक महत्वपूर्ण मुखबिरी सूचना मिली कि वांछित आरोपी कर्नल अपने घर के बाहर बैठा है। सूचना मिलते ही करमा थाना प्रभारी रामस्वरूप वर्मा ने तत्काल टीम रवाना की। पुलिस बिना सायरन और बिना किसी आवाज के गांव में दाखिल हुई। खेतों और पगडंडियों पर हल्की रोशनियों के बीच ऑपरेशन आगे बढ़ा और जैसे ही पुलिस करीब पहुंची, एक आवाज गूंजी—“हाथ ऊपर, कर्नल!” अचानक हुए इस एक्शन से बदहवास कर्नल भागने लगा, लेकिन कांस्टेबल म...
जयपुर में भव्य वैवाहिक समारोह: कथावाचक इंद्रेश उपाध्याय का शिप्रा शर्मा से पवित्र वैदिक रीति से विवाह
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जयपुर में भव्य वैवाहिक समारोह: कथावाचक इंद्रेश उपाध्याय का शिप्रा शर्मा से पवित्र वैदिक रीति से विवाह

वृंदावन के प्रसिद्ध कथावाचक इंद्रेश उपाध्याय का विवाह हरियाणा की शिप्रा शर्मा के साथ जयपुर के ताज आमेर होटल में सम्पन्न हुआ। तीन दिनों तक चले भव्य रस्मों-रिवाजों के बीच यह विवाह 101 पंडितों की मौजूदगी में पूर्ण वैदिक विधि से संपन्न हुआ। वैदिक मंत्रोच्चार के बीच लिए सात फेरे जयगढ़ लॉन में आयोजित मुख्य समारोह में इंद्रेश उपाध्याय और शिप्रा शर्मा ने परंपरागत रीति-रिवाजों के साथ सात जन्मों का वचन लेते हुए फेरे लिए। लगभग 3 घंटे तक चली मुख्य वैवाहिक रस्में देर रात तक चलती रहीं, जिसके बाद बारात निकाली गई। शादी के बाद संतों का मिलन, आध्यात्मिक संवाद विवाह उपरांत आयोजित विशेष मिलने-जुलने के दौरान पंडित धीरेंद्र शास्त्री, देवी चित्रलेखा, भागवत प्रभु सहित अनेक संतों व कथावाचकों ने इंद्रेश उपाध्याय को आशीर्वाद दिया। संतों का यह मिलन समारोह आध्यात्मिक वातावरण से सराबोर रहा। विवाह में जुट...