Monday, December 1

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2 दिसंबर को बन रहा सर्वार्थ सिद्धि योग: मेष, मिथुन, कर्क, धनु और मीन राशि के जातकों पर बरसेगी किस्मत, मिलेगा धन–लाभ
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2 दिसंबर को बन रहा सर्वार्थ सिद्धि योग: मेष, मिथुन, कर्क, धनु और मीन राशि के जातकों पर बरसेगी किस्मत, मिलेगा धन–लाभ

नई दिल्ली। मार्गशीर्ष मास की शुक्ल पक्ष द्वादशी–त्रयोदशी तिथि पर कल, 2 दिसंबर को कई शुभ योगों का दुर्लभ संयोग बन रहा है। मंगलवार होने के साथ ही अखंड द्वादशी, भौम प्रदोष, सर्वार्थ सिद्धि योग, अमृत सिद्धि योग, वरीयन योग, रवियोग और गजकेसरी योग जैसे शक्तिशाली योग एक साथ बन रहे हैं।चंद्रमा का गोचर दिन-रात मेष राशि में रहने से मंगल के साथ रूचक राजयोग भी निर्मित होगा। ज्योतिष के अनुसार यह दिन विशेष रूप से मेष, मिथुन, कर्क, धनु और मीन राशि के जातकों के लिए अत्यंत शुभ रहने वाला है। 🌟 कल का लकी राशिफल (2 दिसंबर 2025) मेष राशि: सफलता और आर्थिक प्रगति का दिन कल का दिन मेष राशि के लिए अत्यंत मंगलकारी रहेगा। आर्थिक मामलों में भाग्य का पूरा साथ नौकरी में नए अवसर और रोमांचक जिम्मेदारियाँ बिजनेस में लाभ तथा रुका हुआ काम पूरा प्रेम संबंधों में सरप्राइज मिलने की संभावना पुराने निवेश ...
13 नवंबर 2025: मिथुन, सिंह समेत पांच राशियों के लिए भाग्यशाली दिन, लाभ और सुख साधन की प्राप्ति का योग
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13 नवंबर 2025: मिथुन, सिंह समेत पांच राशियों के लिए भाग्यशाली दिन, लाभ और सुख साधन की प्राप्ति का योग

नई दिल्ली। कल 13 नवंबर, गुरुवार को मार्गशीर्ष मास की कृष्ण पक्ष नवमी तिथि रहेगी। इस दिन के देवता भगवान विष्णु होंगे। चंद्रमा सिंह राशि में गोचर कर सुनफा योग बनाएगा, वहीं चंद्रमा और मंगल के केंद्र भाव में होने से धन योग और मंगल के स्वराशि में होने से रूचक राजयोग भी प्रभावी रहेगा। इसके अतिरिक्त मघा नक्षत्र में ब्रह्म योग और ऐंद्र योग के संयोग बनेंगे। इन सभी योगों और भगवान विष्णु की कृपा से मिथुन, सिंह, तुला, धनु और मकर राशि के जातकों के लिए यह दिन विशेष रूप से भाग्यशाली रहने वाला है। 🔹 मिथुन राशि कामकाज और करियर: नौकरी में योजना अनुसार काम करने का मौका मिलेगा। टीम के साथ तालमेल से काम सुचारू रहेगा। धन-लाभ: अटका हुआ धन मिलने के योग हैं, बिजनेस में विस्तार का अवसर मिलेगा। उपाय: किसी जरूरतमंद को अन्न दान करें, तामसिक भोजन से परहेज करें। 🔹 सिंह राशि भाग्य और सहयो...
📰 उत्पन्ना एकादशी 2025 : उपवास, पूजा और ध्यान से जीवन में नवचेतना का संचार
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📰 उत्पन्ना एकादशी 2025 : उपवास, पूजा और ध्यान से जीवन में नवचेतना का संचार

धार्मिक परंपराओं में प्रत्येक व्रत और उत्सव केवल आध्यात्मिक उद्देश्य ही नहीं रखते, बल्कि शारीरिक और मानसिक संतुलन स्थापित करने का माध्यम भी होते हैं। उत्पन्ना एकादशी का व्रत इसी दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है, जो शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने और मानसिक ऊर्जा जागृत करने का सशक्त साधन माना गया है। 🌕 वैज्ञानिक दृष्टि से एकादशी वैज्ञानिक अध्ययन के अनुसार एकादशी के दिन चंद्रमा की कलाओं में बदलाव होता है, जो शरीर और मन पर गहरा प्रभाव डालता है। इस दिन उपवास और ध्यान द्वारा शरीर को विषम तत्वों से मुक्त रखना और मन को स्थिर करना सर्वोत्तम उपाय है। इससे मानसिक एकाग्रता बढ़ती है और विचारों में सकारात्मकता आती है। 📜 शास्त्रों और आयुर्वेद में महत्त्व धर्मग्रंथों—पद्म पुराण, स्कंद पुराण और विष्णु धर्मोत्तर पुराण—में उल्लेख है कि एकादशी व्रत के दौरान अन्न का त्याग करना चाहिए। आयुर्वेद क...
शुक्रवार के दिन कपूर से पाएं धन, सुख और सभी बाधाओं से मुक्ति – जानें आसान उपाय
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शुक्रवार के दिन कपूर से पाएं धन, सुख और सभी बाधाओं से मुक्ति – जानें आसान उपाय

नई दिल्ली: हिंदू धर्म में शुक्रवार का दिन माता लक्ष्मी को समर्पित माना जाता है। इस दिन देवी लक्ष्मी की विधि-विधान से पूजा करने से धन-संपत्ति में वृद्धि होती है और जीवन में सुख-शांति आती है। वहीं, ज्योतिषशास्त्र के अनुसार, शुक्रवार को कपूर के विशेष उपाय करने से जीवन में नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और सभी बाधाओं से छुटकारा मिलता है। घर में सुख-शांति और समृद्धि के लिए:शुक्रवार के दिन शाम के समय माता लक्ष्मी की पूजा करते समय कपूर को घी में डुबोकर जलाएं। यह उपाय घर में तनाव, झगड़ों और नकारात्मक ऊर्जा को दूर करता है। घर का वातावरण सकारात्मक बनता है और साधक का मन शांत होता है। सारी बाधाएं दूर करने का उपाय:यदि करियर, नौकरी या व्यापार में लगातार बाधाओं का सामना करना पड़ रहा है, तो इस आसान उपाय को अपनाएं – सुबह जल्दी उठकर स्नान करें। लाल वस्त्र में दो गुड़हल के फूल और 2 कपूर बांधकर पोटल...
रामायण कथा: रावण के सामने माता सीता क्यों उठाती थीं घास का तिनका? जानें तिनके के पीछे छिपा चमत्कार और वचन
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रामायण कथा: रावण के सामने माता सीता क्यों उठाती थीं घास का तिनका? जानें तिनके के पीछे छिपा चमत्कार और वचन

अशोक वाटिका, लंका: जब रावण ने माता सीता का हरण कर अशोक वाटिका में रखा, तब भी अपनी महाशक्ति के बावजूद रावण कभी उन्हें स्पर्श नहीं कर पाया। ऐसा क्यों था? इसके पीछे माता सीता का चमत्कार और राजा दशरथ जी को दिया गया एक वचन छिपा हुआ था। घास का तिनका और चमत्कार:रामायण के अनुसार, जब भी रावण सीता माता के पास आता, तो सीता जी एक घास का तिनका उठाती थीं। इस तिनके में अद्भुत शक्ति थी। सीता माता ने देखा कि राजा दशरथ की खीर पर एक छोटा सा तिनका गिरा था। उन्होंने उस तिनके को बिना हाथ लगाए दूर से देखना शुरू किया और उसे राख में बदल दिया। यह चमत्कार राजा दशरथ ने स्वयं देखा था। राजा दशरथ का वचन:राजा दशरथ ने सीता माता से कहा कि जिस प्रकार उन्होंने तिनके को देखा, उसी प्रकार अपने शत्रु को मत देखना। सीता जी ने यह वचन स्वीकार किया और उसी के आधार पर रावण के सामने भी हमेशा संयम बनाए रखा। रावण के सामने तिनके क...