Wednesday, December 24

रात में हल्दी वाला दूध से लेकर 100 कदम की वॉक तक: बच्चों की सेहत के लिए शाहिद–मीरा की सादगी भरी परवरिश, माता-पिता ले सकते हैं सीख

 

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मुंबई।

बॉलीवुड अभिनेता शाहिद कपूर और उनकी पत्नी मीरा राजपूत न सिर्फ अपनी सादगी भरी जीवनशैली, बल्कि बच्चों की परवरिश को लेकर भी अक्सर चर्चा में रहते हैं। हाल ही में एक इंटरव्यू के दौरान इस स्टार कपल ने बच्चों की सेहत से जुड़ी कुछ ऐसी आदतों का खुलासा किया, जो आज के समय में हर माता-पिता के लिए प्रेरणादायक साबित हो सकती हैं।

 

शाहिद और मीरा अपने दोनों बच्चों—बेटी मीशा और बेटे जैन—की परवरिश बेहद सरल और अनुशासित तरीके से करते हैं। उन्होंने बताया कि बच्चों को स्वस्थ रखने के लिए वे किसी महंगे डाइट प्लान या जटिल रूटीन पर नहीं, बल्कि छोटे-छोटे घरेलू उपायों पर भरोसा करते हैं।

 

खाने के बाद 100 कदम चलना अनिवार्य

 

मीरा राजपूत के अनुसार, वे रोज़ बच्चों को खाना खाने के बाद कम से कम 100 कदम चलने के लिए प्रेरित करती हैं। उनका मानना है कि इससे बच्चों की पाचन क्रिया बेहतर रहती है और वे दिनभर एक्टिव महसूस करते हैं। साथ ही यह आदत बचपन से ही फिटनेस के प्रति जागरूक बनाती है।

 

रात में हल्दी वाला दूध है सेहत का राज

 

मीरा ने यह भी बताया कि वे बच्चों को रोज़ रात में सोने से पहले हल्दी वाला दूध पिलाती हैं, जिसमें गुड़ और थोड़ा सा घी मिलाया जाता है। यह पारंपरिक घरेलू नुस्खा इम्युनिटी मजबूत करने, हड्डियों को ताकत देने और अच्छी नींद में मददगार माना जाता है।

 

बच्चों का मेन्यू मिलकर करते हैं तय

 

शाहिद कपूर ने बताया कि वे और मीरा महीने में एक बार बैठकर बच्चों के खाने का मेन्यू तय करते हैं। अब जब उनकी बेटी मीशा बड़ी हो रही है, तो वह अपनी पसंद भी खुलकर रखती है। इस दौरान कई बार माता-पिता और बच्चे के बीच हल्की नोक-झोंक भी हो जाती है, लेकिन इससे बच्चों में निर्णय लेने की समझ विकसित होती है।

 

आम माता-पिता के लिए क्या है सीख

 

शाहिद और मीरा की यह पेरेंटिंग स्टाइल बताती है कि बच्चों को स्वस्थ रखने के लिए महंगे उपायों की नहीं, बल्कि नियमित दिनचर्या और सही आदतों की जरूरत होती है।

खाने के बाद हल्की वॉक, रोज़ फल खाना और रात में दूध पीने जैसी आदतें बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास में अहम भूमिका निभा सकती हैं।

 

आज के दौर में जब बच्चे जंक फूड और स्क्रीन टाइम की ओर तेजी से बढ़ रहे हैं, ऐसे में शाहिद–मीरा की यह सादगी भरी परवरिश हर माता-पिता के लिए एक सकारात्मक संदेश है—स्वस्थ बचपन की नींव छोटी आदतों से ही रखी जाती है।

 

 

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