
वृंदावन के प्रसिद्ध कथावाचक इंद्रेश उपाध्याय का विवाह हरियाणा की शिप्रा शर्मा के साथ जयपुर के ताज आमेर होटल में सम्पन्न हुआ। तीन दिनों तक चले भव्य रस्मों-रिवाजों के बीच यह विवाह 101 पंडितों की मौजूदगी में पूर्ण वैदिक विधि से संपन्न हुआ।
वैदिक मंत्रोच्चार के बीच लिए सात फेरे
जयगढ़ लॉन में आयोजित मुख्य समारोह में इंद्रेश उपाध्याय और शिप्रा शर्मा ने परंपरागत रीति-रिवाजों के साथ सात जन्मों का वचन लेते हुए फेरे लिए। लगभग 3 घंटे तक चली मुख्य वैवाहिक रस्में देर रात तक चलती रहीं, जिसके बाद बारात निकाली गई।
शादी के बाद संतों का मिलन, आध्यात्मिक संवाद
विवाह उपरांत आयोजित विशेष मिलने-जुलने के दौरान पंडित धीरेंद्र शास्त्री, देवी चित्रलेखा, भागवत प्रभु सहित अनेक संतों व कथावाचकों ने इंद्रेश उपाध्याय को आशीर्वाद दिया। संतों का यह मिलन समारोह आध्यात्मिक वातावरण से सराबोर रहा।
विवाह में जुटीं नामचीन हस्तियाँ
समारोह में पहले दिन से ही मशहूर हस्तियों का जमावड़ा दिखा।
- कुमार विश्वास
- पंडित धीरेंद्र शास्त्री
- देवी चित्रलेखा
- भागवत प्रभु
सहित कई संत, कथावाचक, सेलिब्रिटीज और वीआईपी मेहमान विवाह और आशीर्वाद समारोह का हिस्सा बने।
इंद्रेश उपाध्याय की शिक्षा: कम उम्र में शुरू हुई आध्यात्मिक यात्रा
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इंद्रेश उपाध्याय ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा कान्हा माखन पब्लिक स्कूल से प्राप्त की। कम उम्र से ही उनका रुझान आध्यात्मिक अध्ययन की ओर रहा।
- सिर्फ 13 वर्ष की उम्र में उन्होंने श्रीमद्भागवत महापुराण को कंठस्थ कर लिया था।
- कहा जाता है कि उन्होंने औपचारिक रूप से स्कूली शिक्षा के बाद पारंपरिक कथावाचन की ही राह अपनाई और अपने पिता के साथ विभिन्न धार्मिक कार्यक्रमों में शामिल होते रहे।