
जयपुर। बाड़मेर की कलेक्टर और आईएएस टीना डाबी ने राष्ट्रपति पुरस्कार पर उठाए जा रहे विवादों पर स्पष्ट सफाई दी है। हाल ही में ‘जल संचय जन भागीदारी’ कार्यक्रम के तहत बाड़मेर को उत्कृष्ट कार्यों के लिए राष्ट्रपति की ओर से दो करोड़ रुपये का अवॉर्ड मिला था। इसके बाद सोशल मीडिया और कुछ जनप्रतिनिधियों ने इस पुरस्कार पर सवाल उठाए, लेकिन टीना डाबी ने सभी आरोपों को बेबुनियाद बताया।
सोशल मीडिया के भ्रामक आंकड़े
टीना डाबी ने मीडिया से बातचीत में कहा कि सोशल मीडिया पर जो पोस्ट वायरल हो रही हैं, वे पूरी तरह भ्रामक और फर्जी हैं। अवॉर्ड का आधार JSJB (जल संचय जन भागीदारी) और CTR (कैच द रेन) पोर्टल पर ब्लॉक और जिला स्तर पर सत्यापित आंकड़े और फोटो हैं। बाड़मेर में 79 हजार से अधिक जल संरक्षण संरचनाओं का निर्माण और जन भागीदारी के लिए यह पुरस्कार मिला।
JSJB और CTR दो अलग कार्यक्रम
टीना डाबी ने स्पष्ट किया कि JSJB और CTR दो अलग-अलग कार्यक्रम हैं। कुछ ब्लॉकों (धोरीमन्ना, चौहटन और बाड़मेर ग्रामीण) में कर्मचारियों द्वारा एक ही फोटो अलग-अलग कार्यों के लिए अपलोड कर दी गई थी, जिससे भ्रम उत्पन्न हुआ। उन्होंने कहा कि अगर कुछ फोटो गलत अपलोड हुई हैं, तो उनकी जांच करवाई जा रही है। दोषी पाए जाने पर संबंधित अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
टीना डाबी का संदेश
टीना डाबी ने कहा कि उन्हें बेवजह टारगेट किया जा रहा है। सभी आंकड़े सही हैं और अवॉर्ड पूरी तरह से न्यायसंगत है। उन्होंने जोर देकर कहा कि इस पुरस्कार का उद्देश्य बाड़मेर में जल संरक्षण और जन भागीदारी को बढ़ावा देना था, और इसमें किसी भी तरह की हेराफेरी नहीं हुई।
— सम्ब्रत चतुर्वेदी, रामस्वरूप लामरोड़