
अवैध हथियार तस्करी के नेटवर्क को जड़ से खत्म करने के लिए राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) और बिहार पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (STF) ने गुरुवार को नालंदा जिले में संयुक्त अभियान चलाया। अचानक हुई इन दबिशों से पूरे इलाके में हड़कंप मच गया।
दो पूर्व आरोपियों के ठिकानों पर छापेमारी
जांच टीम ने दो संदिग्धों— गौरागढ़ निवासी मोहम्मद परवेज और मोरातालाब गांव के राजू यादव— के घरों पर गहन तलाशी ली। दोनों पर पहले भी अवैध हथियार तस्करी में शामिल होने के आरोप लग चुके हैं। कुछ माह पूर्व भी इनके ठिकानों से भारी मात्रा में जिंदा कारतूस बरामद किए गए थे।
डिजिटल डाटा और लेन-देन के दस्तावेज निशाने पर
अभियान का फोकस नेटवर्क से जुड़े दस्तावेज, मोबाइल डेटा, बैंक लेन-देन और अन्य डिजिटल साक्ष्य जुटाने पर रहा। हालांकि तलाशी के दौरान हथियार या प्रतिबंधित सामान बरामद नहीं हुआ।
राजू यादव के एक परिजन ने बताया— “टीम सुबह आई थी। पूछताछ की, तलाशी ली और बिना कुछ बरामद किए वापस चली गई।”
एक डायरी बनी नई बड़ी लीड
छापेमारी के बाद एसटीएफ के दारोगा उत्तम कुमार ने बताया कि पिछले दिनों नालंदा और आसपास के क्षेत्रों में हथियार तस्करी से जुड़े कुछ नए गंभीर इनपुट मिले थे।
उन्होंने पुष्टि की—
“तलाशी के दौरान कुछ अत्यंत महत्वपूर्ण डायरी और रिकॉर्ड बरामद हुए हैं। ये दस्तावेज जांच में बड़ी भूमिका निभा सकते हैं।”
जांच में आ सकता है बड़ा खुलासा
NIA और STF फिलहाल जब्त डायरी और डिजिटल रिकॉर्ड का विश्लेषण कर रही हैं। माना जा रहा है कि इन दस्तावेजों में हथियार तस्करी के बड़े नेटवर्क, वित्तीय लेन-देन और शामिल लोगों की महत्वपूर्ण जानकारी हो सकती है।