Friday, December 5

भारत बना सकता है राफेल F5 का पहला ग्राहक! फ्रांस से ‘महा-डील’ पर बड़ी पुष्टि, जानें कितना घातक है यह परमाणु-सक्षम फाइटर जेट

पेरिस। भारत और फ्रांस के बीच रक्षा सहयोग एक नए मुकाम पर पहुँच सकता है। फ्रांस के रक्षा मंत्रालय ने पुष्टि की है कि भारत 90 राफेल F4 फाइटर जेट के सौदे पर बातचीत कर रहा है, जिसके साथ 24 राफेल F5 फाइटर जेट खरीदने का विकल्प भी शामिल है। यदि सौदा होता है, तो भारत दुनिया का पहला देश बन जाएगा जो राफेल का यह भविष्यवादी और सबसे आधुनिक संस्करण खरीदेगा—एक ऐसा संस्करण जो परमाणु बम गिराने में सक्षम होगा और एक स्टील्थ युद्धक ड्रोन के साथ मिलकर मिशन अंजाम देगा।

यह खुलासा ऐसे समय में आया है जब हाल ही में रिपोर्ट से पता चला कि चीन और पाकिस्तान ने “ऑपरेशन सिंदूर” के दौरान राफेल की क्षमता को बदनाम करने के लिए बड़ा दुष्प्रचार अभियान चलाया था। फ्रांस की घोषणा ने इस प्रोपेगेंडा को एक तरह से जवाब भी दे दिया है।

राफेल F5: क्या है इसकी असाधारण ताकत?

राफेल निर्माता कंपनी डसॉल्ट एविएशन इस नए F5 स्टैंडर्ड में कई बड़े अपग्रेड करने जा रही है:

1. अधिक शक्तिशाली इंजन

तेज़ी और ऊँचाई पर प्रदर्शन में जबरदस्त सुधार, जिससे यह नए-युग के हाइब्रिड युद्ध के लिए तैयार होगा।

2. अत्याधुनिक सेल्फ-डिफेंस सिस्टम

दुश्मन के मिसाइल और राडार सिस्टम को चकमा देने की क्षमता कई गुना बढ़ाई जाएगी।

3. स्टील्थ युद्धक ड्रोन साथ चलेगा

राफेल F5 की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसके साथ एक UCAV (Unmanned Combat Aerial Vehicle) भी तैनात होगा—

  • वजन: 5–6 टन
  • स्टील्थ टेक्नोलॉजी
  • भारी हथियार क्षमता
  • सफ़्रान का शक्तिशाली इंजन

यह ड्रोन राफेल को हवा से हवा और हवा से जमीन पर हमला करने में अभूतपूर्व बढ़त देगा।

परमाणु मिशन में भी सक्षम

एरो टाइम की रिपोर्ट के मुताबिक, राफेल F5 को ASN4G हाइपरसोनिक मिसाइल के लिए डिज़ाइन किया जा रहा है।

  • यह मिसाइल स्क्रैमजेट इंजन से संचालित होगी
  • यूरोपियन कंपनी MBDA द्वारा विकसित
  • बेहद तीव्र रफ्तार से दुश्मन की रडार पकड़ से बाहर रहकर हमला करने की क्षमता

डसॉल्ट के सीईओ ने यह भी स्पष्ट किया है कि F5 संस्करण का मुख्य फोकस होगा—

  • परमाणु मिशन के लिए बेहतर कनेक्टिविटी
  • उन्नत राडार
  • रियल-टाइम सेंसर नेटवर्क
  • सेवा के दौरान सामरिक टिकाऊपन

चीन–पाकिस्तान के आधुनिक फाइटर्स से सीधी टक्कर

दुनिया में 5वीं और 6वीं पीढ़ी के फाइटर जेट की दौड़ तेज हो चुकी है—

  • चीन: J-20 और J-35 पहले से तैनात, 6th-gen पर काम जारी
  • पाकिस्तान: चीन और तुर्की से J-35 खरीद रहा है

राफेल F5 को इन्हीं आधुनिक फाइटर्स से टक्कर के लिए विकसित किया जा रहा है। विशेषज्ञों के अनुसार, स्टील्थ ड्रोन के साथ इसका कॉम्बिनेशन इसे एशिया में “सबसे घातक एयर कॉम्बैट प्लेटफॉर्म” बना सकता है।

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भारत के लिए क्या मतलब?

यदि यह डील पूरी होती है, तो—

  • भारत को राफेल का विश्व में सबसे उन्नत संस्करण मिलेगा
  • एयरफोर्स को परमाणु deterrence में नई क्षमता
  • चीन-पाक के मोर्चे पर बड़ा सामरिक लाभ
  • 2030 तक भारतीय वायुसेना टेक्नोलॉजी के नए युग में प्रवेश कर सकती है

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