
नई दिल्ली: देश की सबसे वैल्यूएबल कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज को जीएसटी विभाग की ओर से 56.44 करोड़ रुपये का नोटिस मिला है। अहमदाबाद के ज्वाइंट कमिश्नर, CGST ने 25 नवंबर को यह आदेश जारी किया।
क्या है मामला?
जीएसटी नोटिस में रिलायंस पर आरोप है कि कंपनी ने इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) को ब्लॉक्ड क्रेडिट मानकर क्लेम किया। ब्लॉक्ड क्रेडिट पर टैक्स का लाभ लेने की अनुमति नहीं है। कंपनी का कहना है कि इस फैसले में इस बात को ध्यान में नहीं रखा गया कि सर्विस प्रोवाइडर ने सर्विसेज को कैसे क्लासिफाई किया था।
कंपनी ने स्पष्ट किया है कि यह जुर्माना उनके कारोबार या अन्य गतिविधियों पर असर नहीं डालेगा और इसका वित्तीय प्रभाव केवल नोटिस की राशि तक ही सीमित रहेगा।
कानूनी आधार और प्रक्रिया
- नोटिस सेंट्रल गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स एक्ट, 2017 और गुजरात गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स, 2017 की धारा 74 के तहत जारी किया गया।
- रिलायंस नोटिस के खिलाफ अपील करने की योजना बना रही है।
- कंपनी को यह नोटिस 27 नवंबर को ईमेल के माध्यम से भेजा गया।
शेयर बाजार पर असर
रिलायंस के शेयर हाल ही में 52 हफ्ते के हाई पर पहुंच चुके थे। शुक्रवार को शेयर थोड़ी गिरावट के साथ खुले, लेकिन जल्दी ही संभल गए।
- बीएसई पर सुबह 10:10 बजे शेयर 0.91% की तेजी के साथ 1577.85 रुपये पर ट्रेड कर रहा था।
- पिछले सत्र में शेयर 1563.55 रुपये पर बंद हुआ था और आज 1568 रुपये पर खुला। शुरुआती कारोबार में शेयर 1562.35 रुपये से 1579 रुपये के बीच रहा।
यह नोटिस इस बात का संकेत है कि जीएसटी विभाग अब बड़ी कंपनियों के इनपुट टैक्स क्लेम पर सख्ती से नजर रख रहा है। रिलायंस की अपील इस मामले में निर्णायक भूमिका निभा सकती है।