Monday, December 1

विदेशी संपत्ति की जानकारी छिपाने वाले 25,000 लोग इनकम टैक्स विभाग की रडार पर

नई दिल्ली: अगर आपने विदेश में कोई संपत्ति खरीदी है और इसे अपने इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) में नहीं बताया, तो सावधान हो जाएं। इनकम टैक्स विभाग (CBDT) ने ऐसे 25,000 से अधिक मामलों की पहचान की है, जहां करदाताओं ने विदेशी संपत्ति की जानकारी छुपाई।

CBDT ने तय किया है कि इन लोगों को 31 दिसंबर 2025 तक अपना रिवाइज्ड रिटर्न दाखिल करने का मौका मिलेगा। इस दौरान अगर वे संपत्ति की पूरी जानकारी देंगे, तो जुर्माना टाला जा सकता है। नहीं तो नियमों के अनुसार कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

कैसे हुई पहचान?

सूत्रों के मुताबिक, विभाग ने ऑटोमैटिक एक्सचेंज ऑफ इंफॉर्मेशन (AEOI) और कॉमन रिपोर्टिंग स्टैंडर्ड्स (CRS) के माध्यम से ऐसे हाई-रिस्क मामलों की पहचान की। CRS के तहत विदेशी देशों से भारतीय नागरिकों की संपत्ति की जानकारी मिलती है। इसके अलावा फॉरेन अकाउंट टैक्स कंप्लायंस ऐक्ट के तहत अमेरिका से भी डाटा उपलब्ध होता है।

इस डाटा के आधार पर पता चला कि कई लोग इससे छिपाकर ITR भर रहे थे। दिल्ली, मुंबई और पुणे में विशेष सर्च ऑपरेशन किए गए, जिनमें सैकड़ों करोड़ रुपये की विदेशी संपत्ति का खुलासा हुआ।

CBDT का अलर्ट और प्रक्रिया

CBDT SMS और ईमेल के जरिए इन लोगों को सूचित करेगा। पहले चरण में हाई-रिस्क वाले 25,000 मामलों को कवर किया जाएगा। विभाग ने सलाह दी है कि सभी करदाता अपने ITR में संशोधन करते हुए विदेशी संपत्ति की जानकारी 31 दिसंबर 2025 तक दें।

दूसरे चरण में और अधिक लोगों को कवर किया जाएगा। सूत्रों के अनुसार, कई बड़ी कंपनियों के कर्मचारी भी इस सूची में हैं, जिनके पास विदेशी संपत्ति है, लेकिन उन्होंने इसे ITR में शामिल नहीं किया।

पिछले कदम और परिणाम

  • जून 2025 तक 1080 मामलों में असेसमेंट पूरा
  • लगभग 40,000 करोड़ रुपये की टैक्स डिमांड

इन कदमों से स्पष्ट होता है कि इनकम टैक्स विभाग अब विदेशी संपत्ति छिपाने वालों के खिलाफ कड़ा रुख अपनाने के लिए पूरी तरह तैयार है।

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