
नई दिल्ली। राजधानी की हवा प्रदूषण से जंग जल्द ही नई तकनीकों के सहारे लड़ती दिखाई देगी। दिल्ली सरकार ऐसे समाधान पर विचार कर रही है, जिनमें धूप खुद हवा को साफ करेगी, बिना बिजली के चलने वाले एयर प्यूरीफिकेशन पैनल लगाए जाएंगे और एआई आधारित मॉडल धूल और धुएं का पहले से अनुमान लगा सकेंगे।
सरकार को यह सुझाव उसके इनोवेशन चैलेंज के तहत मिले हैं, जिसमें अब तक 265 से ज्यादा प्रपोजल आए हैं।
अक्टूबर में शुरू हुई पहल
पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने इस पहल की शुरुआत अक्टूबर में की थी।
दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) इस पूरी प्रक्रिया की निगरानी कर रही है।
लक्ष्य है—राजधानी में प्रदूषण कम करने के लिए नए, किफायती और व्यवहारिक समाधान तलाशना।
सुझावों की लंबी सूची
अधिकारियों के अनुसार अब तक मिले प्रस्तावों में—
- 68 प्रपोजल वाहन प्रदूषण नियंत्रण से जुड़े
- करीब 197 प्रपोजल एयर प्यूरीफिकेशन तकनीकों से संबंधित
सामने आई प्रमुख तकनीकें—
- फोटोकैटलिटिक कोटिंग और रोड
- इलेक्ट्रोस्टेटिक प्लाज्मा ट्रैप्स
- माइक्रो-एल्गी और बायोफिल्म आधारित प्यूरीफिकेशन
- सोलर पावर एयर क्लीनिंग यूनिट
- वेट स्क्रबर और स्मार्ट टेलपाइप
- ट्रकों के ऊपर एयर प्यूरीफायर लगाने का प्रस्ताव
ग्रीन वॉल से गर्मी और प्रदूषण दोनों में राहत
कई प्रतिभागियों ने बिल्डिंगों की बाहरी दीवारों पर
वर्टिकल गार्डन यानी ग्रीन वॉल लगाने का सुझाव दिया है।
विशेषज्ञों के अनुसार इससे—
- हवा की गुणवत्ता में सुधार
- शहरी गर्मी में कमी
- धूल को पकड़ने की क्षमता बढ़ेगी
प्रपोजल की होगी कड़ी जांच
डीपीसीसी ने समीक्षा प्रक्रिया शुरू कर दी है।
अगले चरण में—
- चुने गए प्रस्तावों को प्रेजेंटेशन और फील्ड ट्रायल के लिए बुलाया जाएगा
- तकनीकी जांच स्वतंत्र समिति करेगी
- अंतिम राय नेशनल फिजिकल लेबोरेट्री जैसे संस्थान से ली जाएगी
बेहतर समाधान को मिलेगा प्रोत्साहन
- दूसरे चरण में चयनित प्रस्तावों को 5 लाख रुपये
- फाइनल टेस्टिंग के बाद सरकार द्वारा चयनित तकनीकों को 50 लाख रुपये की सहायता दी जाएगी
दिल्ली सरकार का मानना है कि लोगों, स्टार्टअप और शोध संस्थानों की भागीदारी से
राजधानी के प्रदूषण के खिलाफ लड़ाई में नई दिशा और तेज़ी मिल सकती है।