
नई दिल्ली। कब्ज से शुरू होने वाली बवासीर (पाइल्स) की समस्या अब देशभर में आम होती जा रही है। इसका कारण बिगड़ा हुआ खानपान, शारीरिक मेहनत की कमी और जीवनशैली में बदलाव बताया जा रहा है। यह बीमारी कई बार दर्दनाक और गंभीर रूप ले सकती है।
इसी समस्या को ध्यान में रखते हुए जनरल प्रैक्टिशनर और स्वयं को छोटा वैद कहने वाले विजय सिंह ने भारत से बवासीर पूरी तरह खत्म करने का चैलेंज लिया है। उनका दावा है कि देश में इस बीमारी का एक भी मरीज नहीं छोड़ा जाएगा।
कचनार: बवासीर का आयुर्वेदिक इलाज
विजय सिंह के अनुसार, कचनार का पेड़ उत्तर भारत में बहुत आम है, लेकिन इसकी पहचान कम लोगों को होती है।
- पेड़ की पत्तियां दिल के आकार की होती हैं।
- पत्तियों के बीच गहरा हरा रंग और किनारों पर हल्का पीला रंग होता है।
- पत्तियों के पीछे साफ़ लाइन दिखाई देती है।
सबसे असरदार हिस्सा: छाल
- पत्तियों की तुलना में छाल अधिक गुणकारी है।
- शरीर में मौजूद गांठें, रसौली, सिस्ट, अल्सर, मस्से या सूजन को दूर करने में यह छाल मददगार होती है।
- आयुर्वेद के चरक संहिता में भी कचनार की छाल का ज़िक्र किया गया है।
नुस्खा
विजय सिंह का तरीका इस प्रकार है:
- कचनार की छाल को 2 लीटर पानी में उबालें।
- जब पानी 1 लीटर बच जाए तो गैस बंद कर दें।
- यह मिक्सचर 20 मिली सुबह और 20 मिली शाम खाने से पहले लें।
नोट: कोई भी आयुर्वेदिक नुस्खा अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें, क्योंकि हर व्यक्ति का शरीर अलग होता है।
विशेष जानकारी:
- यह नुस्खा इंस्टाग्राम पर विजय सिंह द्वारा प्रकाशित रील पर आधारित है।
- नवभारत टाइम्स इसकी सत्यता, सटीकता और असर की जिम्मेदारी नहीं लेता।