Wednesday, December 31

भारत-ओमान मुक्त व्यापार: अमेरिका के साथ भी मजबूत, चीन पर निगाहें सख्त

 

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नई दिल्ली: भारत और ओमान के बीच नए आर्थिक अध्याय की शुरुआत हो चुकी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हालिया दौरे के बाद दोनों देशों ने व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौते पर सहमति जताई है। ओमान अब उन चुनिंदा देशों में शामिल हो गया है, जिनके साथ भारत और अमेरिका दोनों के मुक्त व्यापार समझौते हैं।

 

कतर और सऊदी अरब से बेहतर है ओमान

ओमान भारत के लिए रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण है। सलालाह और सोहार में मुक्त व्यापार क्षेत्र और दुक्म में विशेष आर्थिक क्षेत्र भारतीय निवेश और रोजगार के लिए उपयुक्त अवसर प्रदान करते हैं। इसके अलावा, ओमान की पारंपरिक उदारवादी नीति निवेशकों के लिए अनुकूल माहौल बनाती है।

 

चीन चुनौती बनकर सामने

हिंद महासागर में चीन के बढ़ते प्रभाव और मछली पकड़ने के औद्योगिक बेड़े ने ओमान और अन्य देशों में चिंता बढ़ा दी है। रात में चीन की मछली पकड़ने वाली नौकाएं ओमान के क्षेत्रीय जल का उल्लंघन करती हैं, जिससे समुद्री पारिस्थितिकी और स्थानीय मछुआरों पर असर पड़ता है।

 

भारत की भूमिका महत्वपूर्ण

भारतीय नौसेना अगर ओमान के समुद्री क्षेत्रों में निगरानी बढ़ाए और ड्रोन व वीडियो कैमरों से गतिविधियों पर नजर रखे तो चीन के अवैध मछली पकड़ने पर रोक लगाई जा सकती है। इसके अलावा, भारत ओमान और यमन के साथ तटरक्षक साझेदारी बढ़ाकर हिंद महासागर में अपनी रणनीतिक पकड़ मजबूत कर सकता है।

 

सकारात्मक संकेत

ओमान की शिक्षित और उदारवादी नीति के कारण भारत के साथ आर्थिक साझेदारी फलदायी साबित हो रही है। साथ ही, यह साझेदारी भारत को हिंद महासागर में प्रमुख शक्ति के रूप में स्थापित करने में मदद करेगी और चीन के बढ़ते प्रभाव को संतुलित करने में योगदान देगी।

 

 

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