
नई दिल्ली: बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री और बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) की चेयरपर्सन बेगम खालिदा जिया के निधन के बाद उनके अंतिम संस्कार में भारत की तरफ से विदेश मंत्री एस. जयशंकर शामिल होंगे। जयशंकर आज भारत सरकार के प्रतिनिधिमंडल के साथ ढाका के लिए रवाना होंगे।
यह दौरा इसलिए भी अहम माना जा रहा है क्योंकि वर्तमान में भारत-बांग्लादेश संबंध तनावपूर्ण हैं। हाल के समय में बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों पर हमले और भारत विरोधी बयान सामने आए हैं। ऐसे में जयशंकर का यह दौरा द्विपक्षीय संबंधों को स्थिर करने और संवेदनशील परिस्थितियों में भारत की स्थिति को स्पष्ट करने के लिहाज से महत्वपूर्ण है।
प्रधानमंत्री मोदी ने जताया दुख
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खालिदा जिया के निधन पर शोक जताया और उन्हें बांग्लादेश की पहली महिला प्रधानमंत्री के तौर पर देश के विकास और भारत-बांग्लादेश संबंधों में उनके योगदान के लिए याद किया। पीएम मोदी ने 2015 में ढाका में उनसे हुई अपनी मुलाकात को भी याद किया और कहा कि उनका विजन और विरासत भारत-बांग्लादेश साझेदारी को आगे भी मार्गदर्शन देती रहेगी।
राजनीतिक करियर और संघर्ष
बेगम खालिदा जिया 80 वर्ष की थीं। उन्होंने मिलिट्री शासन के बाद बांग्लादेश में लोकतंत्र बहाल करने में अहम भूमिका निभाई। उनका राजनीतिक करियर जेल और नजरबंदी से भी होकर गुजरा। भ्रष्टाचार के आरोपों से बरी होने के बाद उन्हें लंदन जाकर मेडिकल इलाज कराने की अनुमति मिली थी। फरवरी 2026 में होने वाले संसदीय चुनावों में भाग लेने की योजना उनके पास थी, जो 2024 के अंत में हुए लोकप्रिय विद्रोह के बाद बांग्लादेश के पहले चुनाव हो सकते हैं।
भारत-बांग्लादेश रिश्तों में संवेदनशील दौर
जयशंकर का ढाका दौरा दोनों देशों के बीच कूटनीतिक संबंधों को मजबूत करने और लोकतांत्रिक मूल्यों के संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।