
नई दिल्ली: मसूड़ों की गंभीर बीमारी पेरियोडोंटाइटिस सिर्फ दांतों को नुकसान नहीं पहुंचाती, बल्कि पूरे शरीर को प्रभावित कर कई गंभीर बीमारियों का कारण बन सकती है। विशेषकर जिन लोगों को पहले से दिल, डायबिटीज या सांस की बीमारी है, उन्हें नियमित रूप से मसूड़ों की जांच करानी चाहिए।
पेरियोडोंटाइटिस क्या है?
शारदाकेयर हेल्थसिटी की सीनियर कंसल्टेंट डॉ. तनु गुप्ता के अनुसार, पेरियोडोंटाइटिस तब होती है जब दांतों और मसूड़ों के आसपास प्लाक और बैक्टीरिया जमा हो जाते हैं। समय पर इलाज न होने पर यह संक्रमण मसूड़ों और हड्डियों को नुकसान पहुंचाता है। मसूड़े दांतों से अलग होने लगते हैं और गहरे पॉकेट बन जाते हैं, जहां हानिकारक बैक्टीरिया जमते हैं। ये बैक्टीरिया खून के जरिए पूरे शरीर में फैल सकते हैं।
सिर्फ मुंह की बीमारी नहीं, गंभीर खतरे भी
- दिल की बीमारी: मसूड़ों के बैक्टीरिया धमनियों में सूजन बढ़ाकर हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा बढ़ाते हैं।
- डायबिटीज़: मसूड़ों की सूजन ब्लड शुगर को प्रभावित करती है। डायबिटीज नियंत्रित न होने पर मसूड़े कमजोर हो जाते हैं।
- सांस की बीमारियां: बैक्टीरिया फेफड़ों तक पहुंच सकते हैं, जिससे निमोनिया और सीओपीडी का खतरा बढ़ जाता है।
- गर्भावस्था की प्रॉब्लम: मसूड़ों की सूजन से समय से पहले प्रसव और कम वजन वाले बच्चे होने का खतरा अधिक होता है।
- इसके अलावा गठिया, किडनी की बीमारी और याददाश्त कमजोर होने जैसी समस्याओं से भी इसका संबंध पाया गया है।
खतरनाक क्यों है यह बीमारी?
पेरियोडोंटाइटिस अक्सर धीरे-धीरे बढ़ती है और ज्यादा दर्द नहीं देती। ब्रश करते समय खून आना, मसूड़ों में सूजन, लगातार बदबू, मसूड़ों का पीछे हटना या दांत हिलना जैसे शुरुआती लक्षण लोग अक्सर नजरअंदाज कर देते हैं।
पेरियोडोंटाइटिस से बचाव और इलाज:
- दिन में दो बार फ्लोराइड वाले टूथपेस्ट से ब्रश करें।
- दांतों के बीच की सफाई के लिए फ्लॉस या इंटरडेंटल क्लीनर का इस्तेमाल करें।
- नियमित रूप से डेंटिस्ट को दिखाएं और प्रोफेशनल क्लीनिंग कराएं।
- धूम्रपान छोड़ें, डायबिटीज़ को नियंत्रित रखें, तनाव कम करें और संतुलित आहार लें।
- जरूरत पड़ने पर डीप क्लीनिंग, दवाएं या सर्जरी कराई जा सकती है।
समय पर सावधानी और इलाज से पेरियोडोंटाइटिस को नियंत्रित किया जा सकता है और गंभीर बीमारियों के खतरे को कम किया जा सकता है।
डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। यह किसी भी तरह से दवा या इलाज का विकल्प नहीं है। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें।