
नई दिल्ली: साल 2025 में सिल्वर ईटीएफ ने निवेशकों को शानदार लाभ दिया है। अब तक इस साल निवेशकों को औसतन 127.31% का रिटर्न मिला है। UTI सिल्वर ETF ने 130.02% रिटर्न के साथ बाज़ार में सबसे आगे रखा, जबकि SBI सिल्वर ETF FOF ने 129.46% का मुनाफा दिया। निप्पॉन इंडिया और टाटा सिल्वर ETF ने क्रमशः 127.61% और 122.68% का रिटर्न दर्ज किया।
इस जबरदस्त बढ़त के चलते निवेशकों के सामने यह सवाल खड़ा हो गया है कि मुनाफा वसूल करें या निवेश को बनाए रखें।
विशेषज्ञ क्या कहते हैं:
- निकुंज सर्राफ (Choice Wealth CEO): चांदी में 110-130% की बढ़त के बाद कुछ मुनाफा निकालना सही रहेगा। निवेशक अपने मुनाफे का 25-33% हिस्सा निकाल लें और बाजार गिरने पर फिर से खरीदारी करें। 5 साल के नजरिए से सिल्वर ईटीएफ में निवेश अभी भी लाभकारी है।
- राजेश मिनोचा (Financial Radiance): मांग मजबूत है, लेकिन छोटे समय के निवेशकों को उतार-चढ़ाव से सावधान रहना चाहिए। तेजी आने पर थोड़ा मुनाफा निकालना समझदारी होगी।
निवेशकों के लिए सलाह:
विशेषज्ञों का सुझाव है कि सिल्वर ईटीएफ का हिस्सा कुल पोर्टफोलियो का 5-9% से अधिक न हो। नए निवेशक एक साथ बड़ी रकम लगाने के बजाय किश्तों (SIP) में निवेश करें। निकुंज सर्राफ के अनुसार यदि चांदी के दाम गिरकर 1,70,000 से 1,78,000 रुपये प्रति किलो के बीच आएं, तो यह खरीदारी का अच्छा अवसर हो सकता है।
आगे क्या होगा:
- राजेश मिनोचा के अनुसार, 2026 में शायद 2025 जैसी धमाकेदार तेजी नहीं आएगी। मुनाफा धीरे-धीरे मिलेगा और बीच-बीच में कीमतें गिरेंगी।
- निकुंज सर्राफ को उम्मीद है कि सोलर सेक्टर में बढ़ती मांग और वैश्विक सप्लाई कमी की वजह से चांदी की मजबूती बनी रहेगी।
निवेशक अब सावधानी और अनुशासन के साथ फैसले लें। सही समय पर मुनाफा निकालना और पोर्टफोलियो संतुलित रखना ही इस बाजार में स्मार्ट निवेश की कुंजी है।