Friday, November 7

क्या अब “अलग सोना” ही रिश्तों को बचाने का नया तरीका है?शहरी कपल्स के बीच बढ़ रहा है ‘स्लीप डिवोर्स’ का चलन — मानसिक स्वास्थ्य का नया उपाय बनकर उभर रहा यह ट्रेंड

तेज़ रफ्तार शहरी जीवनशैली, लंबी वर्किंग आवर्स, डिजिटल डिस्टर्बेंस और अनियमित दिनचर्या के बीच अब कपल्स अपने रिश्तों और मानसिक शांति दोनों को संभालने के नए तरीके खोज रहे हैं। इन्हीं में से एक उभरता ट्रेंड है — “स्लीप डिवोर्स”, यानी पति-पत्नी का अलग-अलग बिस्तर या कमरे में सोना। सुनने में यह रिश्ता टूटने जैसा लगता है, पर असल में यह कदम रिश्ते को और मज़बूत बना रहा है।

क्या है ‘स्लीप डिवोर्स’?

“स्लीप डिवोर्स” का मतलब वैवाहिक दूरी नहीं, बल्कि बेहतर नींद के लिए लिया गया एक व्यावहारिक निर्णय है। यह प्रचलन अक्सर खर्राटे, अलग-अलग नींद के टाइम, या नाइट-शिफ्ट जैसे कारणों से शुरू होता है, लेकिन इसके फायदे इससे कहीं अधिक गहरे हैं।

अच्छी नींद से चिड़चिड़ापन घटता है, भावनात्मक संतुलन बेहतर होता है और तनाव कम होता है — जिससे कपल्स का संवाद और रिश्ते दोनों सुधरते हैं। पर्याप्त नींद लेने वाले लोग अधिक स्थिर, सहनशील और पेशेवर रूप से भी बेहतर प्रदर्शन करते हैं।

विशेषज्ञों की राय: मानसिक स्वास्थ्य का नजरिया

दिल्ली की प्रसिद्ध क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट डॉ. राधिका शर्मा कहती हैं —

“शहरी जीवनशैली में लगातार और शांत नींद अब एक लग्ज़री बन चुकी है। ऐसे में ‘स्लीप डिवोर्स’ एक मानसिक स्वच्छता (मेंटल हाइजीन) का तरीका है, जो दोनों पार्टनर्स को पर्याप्त आराम देता है — और यह भावनात्मक स्थिरता तथा पेशेवर दक्षता के लिए ज़रूरी है।”

भारत जैसे देश में, जहाँ एक ही बिस्तर पर सोना वैवाहिक निकटता और एकता का प्रतीक माना गया है, वहाँ यह बदलाव एक सांस्कृतिक क्रांति जैसा है।

2025 की एक वैश्विक सर्वे रिपोर्ट (ResMed Sleep Survey) के मुताबिक —

भारत के 78% शहरी कपल्स अब बेहतर नींद के लिए अलग सोना पसंद करते हैं, जो विश्व में सबसे अधिक प्रतिशत है।

यह आँकड़ा बताता है कि आधुनिक भारतीय जोड़े अब परंपराओं से ऊपर उठकर मानसिक स्वास्थ्य और व्यक्तिगत भलाई को प्राथमिकता दे रहे हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, पर्याप्त नींद कपल्स में “करुणा और सहनशीलता” का भंडार बढ़ाती है, जिससे वे रोज़मर्रा के तनाव को बेहतर ढंग से संभाल पाते हैं।

बहस का मुद्दा: अंतरंगता बनाम स्वतंत्रता

हालाँकि, सभी इस ट्रेंड से सहमत नहीं हैं। मुंबई के वैवाहिक परामर्शदाता डॉ. अनिल मेहता का मानना है —

“एक साथ सोना स्वाभाविक रूप से भावनात्मक और शारीरिक निकटता को बढ़ाता है। अगर यह दूरी बढ़ी, तो समय के साथ रिश्ते में ठंडापन आ सकता है।”

लेकिन ‘स्लीप डिवोर्स’ के समर्थक मानते हैं कि यह दूरी विचारपूर्वक और उद्देश्यपूर्ण होती है। जब दोनों पार्टनर्स पर्याप्त रूप से आराम कर लेते हैं, तो दिन में उनका जुड़ाव और भी आत्मीय और संतुलित होता है। कई अध्ययनों ने यह भी दिखाया है कि अच्छी नींद लेने वाले कपल्स अधिक स्नेही, कम झगड़ालू और यौन जीवन में अधिक संतुष्ट होते हैं।

संतुलन ही समाधान है

अधिकतर जोड़े इसे स्थायी रूप से नहीं अपनाते। वे कभी साथ, कभी अलग सोने का विकल्प रखते हैं — इसे एक लचीला उपाय मानते हैं, न कि जीवनशैली का स्थायी हिस्सा।

जैसे-जैसे निजी और पेशेवर जीवन की सीमाएँ धुंधली होती जा रही हैं, “स्लीप डिवोर्स” आधुनिक रिश्तों की परिपक्वता का प्रतीक बन सकता है — जहाँ जोड़े एक-दूसरे से भाग नहीं रहे, बल्कि बेहतर विश्राम और मानसिक स्वास्थ्य को प्राथमिकता देकर रिश्ते को और सचेत, स्थायी और संतुलित बना रहे हैं।

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