Wednesday, December 10

पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर की नाटकीय गिरफ्तारी: 1999 के प्लॉट विवाद में बढ़ी कानूनी मुश्किलें, शाहजहांपुर में चलती ट्रेन से उतारकर देवरिया ले गई पुलिस

लखनऊ/देवरिया। यूपी के चर्चित पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर एक बार फिर कानूनी शिकंजे में फंस गए हैं। लखनऊ पुलिस ने मंगलवार देर रात उन्हें शाहजहांपुर में चलती ट्रेन से उतारकर गिरफ्तार कर लिया। देर रात हुई यह कार्रवाई बिल्कुल फिल्मी शैली में अंजाम दी गई। बुधवार सुबह पुलिस उन्हें पूछताछ के लिए देवरिया लेकर पहुँची, जहाँ लगभग एक घंटे की पूछताछ के बाद उन्हें अज्ञात स्थान पर ले जाया गया। पूरे मामले में पुलिस और स्थानीय प्रशासन ने चुप्पी साध रखी है।

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1999 के प्लॉट विवाद से जुड़ा मामला

मिल रही जानकारी के अनुसार, गिरफ्तारी की जड़ें वर्ष 1999 में देवरिया में तैनाती के समय हुए एक प्लॉट खरीद विवाद से जुड़ी हैं। एफआईआर के मुताबिक, उस समय एसपी देवरिया रहते हुए अमिताभ ठाकुर ने अपनी पत्नी नूतन ठाकुर के नाम औद्योगिक क्षेत्र का एक प्लॉट खरीदा था।

आरोप है कि—

  • प्लॉट खरीदते समय पत्नी का नाम ‘नूतन देवी’ लिखा गया,
  • पति का नाम बदलकर ‘अभिजात ठाकुर/अभिताप ठाकुर’ दर्ज किया गया,
  • और पता खैरा, जिला सीतामढ़ी, बिहार दिखाया गया।

शिकायतकर्ता संजय शर्मा (निवासी तालकटोरा, लखनऊ) का आरोप है कि गलत दस्तावेजी जानकारी देकर सरकारी विभागों व बैंकों को धोखे में रखने का प्रयास किया गया। सितंबर में इसी आधार पर लखनऊ के तालकटोरा थाने में मुकदमा दर्ज किया गया था।

हालाँकि बाद में प्लॉट बेचते समय सही नाम-पता का उपयोग किया गया, जिससे कागजी विसंगतियाँ और अधिक संदेहास्पद लगने लगीं।

चलती ट्रेन में हड़कंप: आधी रात हिरासत

गिरफ्तारी का तरीका हर किसी को चौंकाने वाला रहा। जानकारी के अनुसार—

  • अमिताभ ठाकुर लखनऊ से दिल्ली जा रहे थे
  • रात करीब 1:15 बजे शाहजहांपुर स्टेशन के पास पुलिस उनकी बोगी में पहुँची
  • उन्हें सोते हुए जगाया गया
  • और चलती ट्रेन से उतारकर हिरासत में ले लिया गया

इसके बाद उन्हें रातों-रात लखनऊ और फिर सुबह देवरिया ले जाया गया।

देवरिया में पूछताछ, पुलिस की चुप्पी ने बढ़ाई रहस्यात्मकता

बुधवार सुबह देवरिया पहुँचने के बाद पुलिस टीम उन्हें सदर कोतवाली लेकर गई, जहाँ करीब एक घंटे पूछताछ हुई।
11:30 बजे के बाद पुलिस उन्हें किसी अज्ञात स्थान पर ले गई

जिले के वरिष्ठ अधिकारियों ने—

  • गिरफ्तारी की पुष्टि या खंडन,
  • पूछताछ की प्रकृति,
  • और आगे की कार्रवाई

पर कोई भी आधिकारिक बयान देने से इंकार कर दिया। उनकी यह चुप्पी मामले को और गंभीर व जटिल बना रही है।

हमेशा विवादों में रहे हैं अमिताभ ठाकुर

अमिताभ ठाकुर अपनी सेवा के दौरान और रिटायरमेंट के बाद भी लगातार सुर्खियों में बने रहे। वे—

  • सरकारी सिस्टम पर सवाल उठाने,
  • भ्रष्टाचार के मुद्दे उजागर करने,
  • तथा संवेदनशील मामलों पर खुला रुख अपनाने

के लिए जाने जाते रहे हैं। जबरन रिटायरमेंट, राजनीतिक टकराव और कई कानूनी लड़ाइयाँ उनका पीछा करती रहीं। अब प्लॉट खरीद-फरोख्त और दस्तावेज में हेरफेर के आरोपों ने उनकी मुश्किलें बढ़ा दी हैं।

जांच तेज होने के संकेत

देवरिया में अचानक पूछताछ और उसके बाद की गोपनीयता को देखकर माना जा रहा है कि—

  • मामला शुरुआती जांच से आगे बढ़ चुका है,
  • दस्तावेजों में हेरफेर,
  • पद के दुरुपयोग,
  • और सरकारी संस्थानों को गुमराह करने

जैसे आरोपों पर कार्रवाई की दिशा स्पष्ट होने लगी है।

निष्कर्ष:
पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर की फिल्मी अंदाज में हुई गिरफ्तारी ने यूपी के राजनीतिक और प्रशासनिक गलियारों में हलचल मचा दी है। 1999 के प्लॉट विवाद से जुड़ा यह मामला अब तेजी से आगे बढ़ रहा है और आने वाले दिनों में कई बड़े खुलासे होने की संभावना जताई जा रही है।

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