
जयपुर। राज्य सरकार की वरिष्ठ नागरिक तीर्थ यात्रा योजना के तहत गंगासागर भेजे जाने के लिए मंगलवार को हजारों बुजुर्ग जयपुर जंक्शन पहुंचे थे, लेकिन अव्यवस्था के कारण 120 बुजुर्ग यात्रियों का तीर्थ यात्रा का सपना स्टेशन पर ही टूट गया। सीटों से ज्यादा लोगों को बुला लेने की वजह से न सिर्फ हंगामा हुआ, बल्कि कई बुजुर्ग—जिनमें बड़ी संख्या में महिलाएँ भी थीं—दिनभर भूखे-प्यासे टिकट का इंतजार करते रह गए।
पहले बुलाया… फिर कहा टिकट नहीं है!
देवस्थान विभाग ने गंगासागर जाने वाली वातानुकूलित विशेष ट्रेन में यात्रा के लिए एक हजार वरिष्ठ नागरिकों को चयनित किया था। इसके लिए आवेदन करने वालों को कॉल कर रेलवे स्टेशन बुलाया गया था। बुजुर्ग सुबह से ही टिकट का इंतजार करते रहे, लेकिन दोपहर बाद उन्हें सूचित किया गया कि—
“टिकट खत्म हो चुके हैं, आप यात्रा नहीं कर पाएंगे।”
यह सुनते ही यात्रियों का गुस्सा फूट पड़ा। उनका कहना था कि जब यात्रा कराने की व्यवस्था ही नहीं थी, तो उन्हें बुलाया क्यों गया?
उपलब्ध सीटों से ज्यादा यात्रियों को किया गया कॉल
ट्रेन में कुल एक हजार यात्रियों की ही सीटें थीं, लेकिन हमेशा की तरह इस बार भी देवस्थान विभाग ने अतिरिक्त कॉल कर दिए। विभाग का तर्क है कि अधिकांश बार इतने यात्री पहुंचते नहीं हैं, इसलिए सीटें खाली न रहें, इसके लिए अधिक लोगों को बुलाया जाता है।
लेकिन इस बार अपेक्षा से अधिक लोग स्टेशन पहुँच गए, जिससे 270 की जगह 350 से भी ज्यादा यात्री जयपुर संभाग से आ गए। नतीजा—120 यात्रियों को वापस लौटाने का निर्णय लेना पड़ा।
दिनभर स्टेशन पर भूखे-प्यासे बैठे रहे बुजुर्ग
टिकट न मिलने पर असंतुष्ट वरिष्ठ नागरिकों ने स्टेशन पर नाराजगी जताई। कई ने कहा—
“अगर यात्रा नहीं करानी थी तो सुबह-सुबह क्यों बुलाया? दिनभर हम यहीं बैठे रहे, न पानी मिला न खाना।”
यात्रियों ने विभाग की लापरवाही को जिम्मेदार ठहराया।
2018 दिसंबर को भेजे जाएंगे वंचित यात्री
देवस्थान विभाग के सहायक आयुक्त महेंद्र देवतवाल ने स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा कि—
“120 यात्री जिन्हें इस बार टिकट नहीं दिया जा सका, उन्हें 18 दिसंबर को रवाना होने वाली अगली तीर्थ यात्रा ट्रेन में प्राथमिकता दी जाएगी।”
उन्होंने आश्वासन दिया कि किसी भी वरिष्ठ नागरिक को वंचित नहीं रहने दिया जाएगा।
संभागवार तय है सीटों का कोटा
वरिष्ठ नागरिक तीर्थ योजना में हर संभाग की तय सीटें हैं—
- उदयपुर संभाग: 350
- अजमेर संभाग: 350
- जयपुर संभाग: 270
जयपुर संभाग में आमतौर पर तय संख्या से कम यात्री पहुँचते हैं, इसी मानकर इस बार 350 लोगों को कॉल किया गया। लेकिन अधिक संख्या में यात्री आ जाने से व्यवस्था गड़बड़ा गई।
निष्कर्ष
सरकारी योजनाओं के सही प्रबंधन के अभाव ने एक बार फिर बुजुर्गों की भावनाओं को ठेस पहुंचाई है।
हालाँकि विभाग वादा कर रहा है कि अगली ट्रेन में उनके सपने को पूरा करने का प्रयास किया जाएगा, लेकिन मंगलवार का दिन इन 120 वरिष्ठ नागरिकों के लिए हमेशा एक कड़वी याद बनकर रह जाएगा।