
नई दिल्ली: साल 2025 में सोने और चांदी के भाव निवेशकों के लिए जबरदस्त उछाल लेकर आए। 2 जनवरी को एमसीएक्स पर सोने का भाव ₹79,390 था, जबकि चांदी ₹90,000 प्रति किलो पर कारोबार कर रही थी। अब चांदी लगभग ₹1.90 लाख प्रति किलो पर पहुँच गई है, यानी इस साल अब तक करीब 111% की तेजी। सोने ने भी इस साल मजबूती दिखाई, लेकिन चांदी ने निवेशकों को रिटर्न के मामले में पीछे छोड़ दिया।
चांदी में तेजी के कारण:
विशेषज्ञों के अनुसार, चांदी की कीमतों में तेज उछाल की सबसे बड़ी वजह मांग में अचानक वृद्धि और सप्लाई में कमी है। अक्टूबर में चीन से चांदी का निर्यात 660 टन से अधिक के रेकॉर्ड स्तर पर पहुंचा, जबकि चीन का भंडार पिछले दस सालों में सबसे निचले स्तर पर था। लंदन को भेजी गई बड़ी शिपमेंट ने भी सप्लाई में कमी का असर दिखाया।
भविष्य के संकेत:
विशेषज्ञों का मानना है कि अगर अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व ब्याज दरों में कटौती करता है, तो सोना और चांदी की कीमतों में और तेजी देखने को मिल सकती है। अनुमान है कि फेड 2026 के अंत तक तीन बार ब्याज दरों में कटौती कर सकता है।
इस स्थिति में, निवेशकों के लिए यह मौका है कि वे सोने और चांदी में निवेश को लंबी अवधि वाले अवसर के रूप में देखें। एक्सपर्ट्स का टारगेट है कि 2026 तक सोने की कीमत ₹1,32,900 तक और चांदी में भी उल्लेखनीय वृद्धि की उम्मीद है।
