Tuesday, December 9

राफेल F5 ने फिर दिखाया दम, लेकिन क्या भविष्य की लड़ाई झेल पाएगा? छठी पीढ़ी के स्टील्थ फाइटर्स के दौर में फ्रांसीसी सुपर जेट पर उठ रहे बड़े सवाल

दुनिया तेजी से स्टील्थ, AI-इंटीग्रेशन और सेंसर-फ्यूज़्ड एयर वारफेयर की ओर बढ़ रही है। ऐसे समय में, फ्रांस द्वारा विकसित राफेल F5 को “सुपर राफेल” कहकर पेश किया जा रहा है, लेकिन सवाल यह है कि क्या यह विमान भविष्य के हवाई युद्ध की बदलती जरूरतों को पूरा कर पाएगा?
विशेषज्ञों का कहना है कि राफेल F5 की सबसे बड़ी कमजोरी उसका पुराना एयरफ्रेम डिजाइन है—एक ऐसा ढांचा, जिसे स्टील्थ युग के लिए कभी बनाया ही नहीं गया था।

क्या है राफेल F5 की सबसे बड़ी समस्या?

भारत F3-R वैरिएंट ऑपरेट कर रहा है, जबकि फ्रांस F-4 का उत्पादन कर रहा है। इनसे आगे बढ़ते हुए राफेल F5 अपने टेस्ट में शानदार प्रदर्शन कर रहा है।
इसमें हैं—

  • एडवांस सेंसर
  • हाई-एंड इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर
  • बेहतर नेटवर्किंग
  • ज्यादा स्मार्ट हथियार प्रणाली

लेकिन, स्टील्थ नहीं है
यही इसकी सबसे बड़ी कमजोरी है।

F5 दुश्मन को जाम कर सकता है, धोखा दे सकता है, लेकिन दुश्मन के रडारों से अदृश्य नहीं हो सकता, जबकि आधुनिक युद्ध में “अदृश्यता” ही सबसे बड़ी ताकत बन चुकी है।

स्टील्थ युग में कैसे पिछड़ रहा है राफेल?

अमेरिका और चीन जहां छठी पीढ़ी की ओर आगे बढ़ चुके हैं—

  • अमेरिकी F-47 NGAD
  • चीन के J-36 और J-50

वहीं 4.5 पीढ़ी के राफेल F5 की तकनीक भले अत्याधुनिक हो, पर उसका विज़िबल एयरफ्रेम उसे असुरक्षित बनाता है। विशेषज्ञों की मानें तो आने वाले दशक में दुश्मन के सेंसर उसकी सबसे बड़ी कमजोरी उजागर कर देंगे।

क्या F-35 और F-22 से मुकाबला कर पाएगा?

F-35 अब सिर्फ एक स्टील्थ फाइटर नहीं बल्कि ‘एरियल सेंसर हब’ बन चुका है।
यह युद्धक्षेत्र के हर सेंसर—जमीन, हवा, समुद्र, स्पेस—को एक नेटवर्क में जोड़कर लड़ाई का पूरा कंट्रोल अपने हाथ में ले लेता है।

F-22 आज भी एयर-डॉमिनेंस क्षमता में बेजोड़ है।

इन दोनों विमानों का किल-चेन नेटवर्क इतना मजबूत है कि राफेल F5 जैसे विमानों के लिए चुनौती और बढ़ जाती है।
ऊपर से राफेल की कीमत भी F-35 के बराबर या कई बार उससे ज्यादा होती है। ऐसे में एयरफोर्सेस के सामने सवाल है—
पुरानी डिजाइन पर आधारित गैर-स्टील्थ विमान खरीदना क्या समझदारी है?

एडवांस होने के बावजूद भविष्य से पीछे?

टेक्नोलॉजी के लिहाज से F5 अब तक का सबसे शक्तिशाली राफेल है—

  • अत्याधुनिक सेंसर
  • डिजिटल वॉरफेयर
  • ज्यादा बहु-भूमिका क्षमता
  • बेहतर मिसाइल लोड
  • और बेहद चुस्त उड़ान क्षमता

लेकिन समस्या वही—स्टील्थ की गैर मौजूदगी
स्टील्थ फाइटर्स, खासकर छठी पीढ़ी के विमान, युद्धक्षेत्र में राफेल F5 को अपनी किल-चेन में आसानी से कैद कर सकते हैं।

इसीलिए विशेषज्ञ कह रहे हैं:
जिन देशों के दुश्मन अत्याधुनिक वायु शक्ति रखते हैं, उन्हें राफेल F5 लेने से पहले सौ बार सोचना चाहिए।

महंगा भ्रम या कामयाब सौदा?

F5 तकनीकी रूप से बेहतरीन है, पर जब दुनिया स्टील्थ और AI सैन्य प्रणालियों की ओर बढ़ रही हो, तो राफेल F5 को “भविष्य का विमान” मानना कई विशेषज्ञों को एक महंगा भ्रम लगता है।

भले ही यह “सुपर राफेल” कहलाए, लेकिन भविष्य के युद्ध में अदृश्य रहना ही सबसे बड़ी ताकत होगी—और यही वह जगह है जहां राफेल कमजोर पड़ जाता है।

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