Tuesday, December 9

कश्मीर में हिंसा, परमाणु धमकी और भारत विरोधी बयान… आखिर क्या है ‘मुनीर डॉक्ट्रिन’? कितना बड़ा खतरा बन रहे हैं पाकिस्तान के जिहादी फील्ड मार्शल!

पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर, जिन्हें हाल ही में देश का पहला चीफ ऑफ डिफेंस फोर्सेज (CDF) बनाया गया है, लगातार ऐसे बयान दे रहे हैं जो न सिर्फ भारत की सुरक्षा के लिए चुनौती बनते दिख रहे हैं, बल्कि क्षेत्रीय स्थिरता पर भी गंभीर सवाल खड़े करते हैं। कट्टरपंथी सोच और आक्रामक सैन्य दृष्टि के लिए पहचाने जाने वाले मुनीर ने CDF बनने के बाद भारत और अफगानिस्तान—दोनों को निशाने पर लिया है।

विशेषज्ञ इसे ‘मुनीर डॉक्ट्रिन’ कह रहे हैं—एक ऐसी नीति जिसमें कश्मीर को केंद्र में रखकर इस्लामी राष्ट्रवाद, सैन्य आक्रामकता और परमाणु ब्लैकमेल की रणनीति शामिल है।

भारत के खिलाफ उग्र तेवर—कश्मीर में हिंसा भड़काने का संकेत

CDF बनने के बाद मुनीर ने कहा—
“भारत किसी भ्रम में न रहे। मई के संघर्ष में हमने कड़ा जवाब दिया था… अगली बार जवाब और भी गंभीर होगा।”

उनके भाषणों में खुलेआम यह संकेत मिलता है कि पाकिस्तान नियंत्रण रेखा पर हिंसा बढ़ाकर कश्मीर मुद्दे को फिर से अंतरराष्ट्रीय बनाने की कोशिश कर सकता है।
विशेषज्ञों के अनुसार, इसमें कोई संदेह नहीं कि मुनीर भारत-विरोधी एजेंडे को लगातार हवा दे रहे हैं।

‘कश्मीर हमारी जुगुलर वेन’—डॉक्ट्रिन की जड़ें

मुनीर लंबे समय से कश्मीर को पाकिस्तान की “जुगुलर वेन” यानी गले की नस बताकर भारत के खिलाफ जनभावनाओं को भड़काते रहे हैं।

उन्होंने इस वर्ष कहा था—
“कश्मीर हमारी जुगुलर वेन है, रही है और हमेशा रहेगी।”

फरवरी में पीओके में उन्होंने यहां तक कहा—
“कश्मीर के लिए तीन युद्ध लड़ चुके हैं, 10 और लड़ने पड़े तो लड़ेंगे।”

विशेषज्ञ इसे “मुनीर डॉक्ट्रिन” का मूल बताते हैं—

  • कश्मीर पर अति-आक्रामक रुख
  • इस्लामी राष्ट्रवाद को बढ़ावा
  • लगातार सैन्य संघर्ष का माहौल

परमाणु बम की धमकी—खतरनाक संकेत

मुनीर ने अक्टूबर में पाकिस्तान मिलिट्री अकादमी में कहा था—

“अगर दुश्मनी की नई शुरुआत हुई, तो पाकिस्तान ऐसा जवाब देगा जिसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती।”

यह बयान परमाणु हथियारों की तरफ इशारा करता है, जो पाकिस्तान की पुरानी ‘न्यूक्लियर ब्लैकमेल’ नीति का नया संस्करण है।

विशेषज्ञ क्यों चिंतित?—मुनीर डॉक्ट्रिन का असली मकसद

भारत के पूर्व डिफेंस विशेषज्ञ लेफ्टिनेंट जनरल राकेश शर्मा (से. नि.) का कहना है—

  • पाकिस्तान की नागरिक सरकार कमजोर हो चुकी है
  • देश आर्थिक बदहाली और गृहयुद्ध जैसी स्थिति से गुजर रहा है
  • सेना अपनी विफलताओं को छिपाने के लिए भारत-विरोधी एजेंडा चला रही है

विशेषज्ञों के मुताबिक,
मुनीर भारत पर बयान देकर अंदरूनी असंतोष, आर्थिक संकट, और राजनीतिक टकराव से जनता का ध्यान हटाना चाहते हैं।

क्या भारत के लिए खतरा बढ़ रहा है?

भारत ने पाकिस्तान के सभी उकसाने वाले बयानों को हमेशा की तरह सिरे से खारिज किया है। लेकिन हालिया बयानबाजी और CDF के रूप में मुनीर की बढ़ी शक्ति को देखते हुए:

  • LOC पर उकसावे बढ़ सकते हैं
  • आतंकवाद को फिर से हवा मिल सकती है
  • अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पाकिस्तान कश्मीर को फिर मुद्दा बनाने की कोशिश कर सकता है

हालांकि विशेषज्ञ मानते हैं कि—
मुनीर की धमकियां पाकिस्तान की आंतरिक विफलताओं को ढकने की रणनीति भर हैं। भारत को सावधान रहना होगा, लेकिन चिंतित होने की जरूरत नहीं।

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