
भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल अब शहरी परिवहन के क्षेत्र में एक नया इतिहास रचने जा रही है। मेट्रो परियोजना के तहत शहर में प्रदेश का पहला अंडरग्राउंड मेट्रो कॉरिडोर तैयार किया जाएगा, जो जमीन से लगभग 65 फीट नीचे आधुनिक इंजीनियरिंग का अद्भुत उदाहरण बनेगा। पुराने भोपाल की घनी आबादी और ऐतिहासिक विरासत को सुरक्षित रखते हुए यह मेट्रो सुरंग शहर को भविष्य की रफ्तार से जोड़ेगी।
पुराने शहर में बनेगी अत्याधुनिक अंडरग्राउंड मेट्रो
भोपाल मेट्रो की ऑरेंज लाइन के अंतर्गत पुल पातारा से बड़ा बाग सिंधी कॉलोनी तक करीब 3.39 किलोमीटर लंबा अंडरग्राउंड सेक्शन बनाया जाएगा। यह सुरंग लगभग 19 से 20 मीटर की गहराई पर होगी। तंग गलियों, भीड़भाड़ वाले इलाकों और ऐतिहासिक संरचनाओं को बिना नुकसान पहुंचाए मेट्रो निर्माण इस परियोजना की सबसे बड़ी चुनौती और उपलब्धि मानी जा रही है। नई तकनीक के जरिए सतह पर कंपन और शोर को न्यूनतम रखा जाएगा।
बेंगलुरु से पहुंचीं 100 करोड़ की टनल बोरिंग मशीनें
इस महत्वाकांक्षी परियोजना के लिए बेंगलुरु से दो अत्याधुनिक टनल बोरिंग मशीनें (TBM) भोपाल लाई गई हैं। लगभग 100 करोड़ रुपये की लागत वाली ये मशीनें 5.8 मीटर व्यास की सुरंग खोदने में सक्षम हैं। मेट्रो अधिकारियों के अनुसार, मशीनों की असेंबलिंग और तकनीकी परीक्षण के बाद मार्च 2026 से मुख्य खुदाई कार्य शुरू किया जाएगा। ये मशीनें प्रतिदिन औसतन 15 मीटर सुरंग तैयार करेंगी, जिसमें खुदाई के साथ-साथ टनल को मजबूत करने का कार्य भी एक साथ होगा।
रेलवे स्टेशन और नादरा बस स्टैंड बनेंगे अंडरग्राउंड स्टेशन
इस अंडरग्राउंड कॉरिडोर पर भोपाल रेलवे स्टेशन और नादरा बस स्टैंड जैसे दो अत्यंत व्यस्त स्थानों पर भूमिगत मेट्रो स्टेशन बनाए जाएंगे। इन क्षेत्रों में प्रारंभिक खुदाई का कार्य तेज़ी से चल रहा है। यह रूट करोंद और पुराने शहर के इलाकों की कनेक्टिविटी को बेहतर बनाएगा और यात्रियों को रेलवे स्टेशन से सीधे मेट्रो सुविधा उपलब्ध कराएगा।
भोपाल को मिलेगी ग्लोबल शहर की पहचान
भोपाल मेट्रो का यह अंडरग्राउंड सेक्शन न केवल ट्रैफिक दबाव कम करेगा, बल्कि भविष्य की अन्य मेट्रो लाइनों के लिए मॉडल प्रोजेक्ट साबित होगा। विशेषज्ञों का मानना है कि यह परियोजना भोपाल को आधुनिक शहरी परिवहन के नक्शे पर एक नई पहचान दिलाएगी और शहर को ग्लोबल सिटी की दिशा में मजबूती से आगे बढ़ाएगी।