Monday, December 1

‘अबुआ नहीं ठगुआ सरकार’— झारखंड में बीजेपी का आरोप पत्र जारी

झारखंड में हेमंत सोरेन सरकार के दूसरे कार्यकाल पर बीजेपी ने बड़ा हमला बोला है। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने शनिवार को पार्टी कार्यालय में ‘आरोप पत्र 2025’ जारी करते हुए मौजूदा गठबंधन सरकार को ‘अबुआ (अपनी) नहीं, ठगुआ (धोखा देने वाली) सरकार’ करार दिया। उन्होंने दावा किया कि पिछले छह सालों में राज्य में विकास नहीं, बल्कि “विनाश और भ्रष्टाचार” बढ़ा है।

“रक्षक ही भक्षक बन गए”— पुलिस पर लगाया गंभीर आरोप

मरांडी ने कहा कि राज्य की पुलिस, जिसे जनता की सुरक्षा की जिम्मेदारी सौंपी गई है, वही अवैध खनन— बालू, पत्थर और कोयला— में संलिप्त है।
उन्होंने कहा—
“जब पुलिस ही भक्षक बन जाए, तो राज्य की स्थिति का अंदाजा आसानी से लगाया जा सकता है।”

वादा था ‘सात गारंटी’, पर मिला सिर्फ धोखा

बीजेपी के आरोप पत्र में चुनाव के समय गठबंधन सरकार द्वारा की गई ‘एक वोट–सात गारंटी’ को सबसे बड़ा छल बताया गया।
मरांडी के अनुसार—

  • खतियान आधारित स्थानीय नीति बनाने का वादा अधूरा
  • नौजवानों को रोजगार देने का वादा ढह गया
  • महिला कल्याण योजनाएं जमीन पर नहीं
  • क्षेत्रीय भाषा और संस्कृति संरक्षण का दावा खोखला

उन्होंने कहा कि छह साल में कोई ठोस नीति न बनना नौजवानों के भविष्य के साथ सीधा मज़ाक है।

अंधविश्वास और धर्मांतरण को बढ़ावा देने का आरोप

मरांडी ने कहा कि सरकार धार्मिक स्थलों पर अतिक्रमण रोकने में असफल रही है।
उन्होंने ‘चंगाई सभाओं’ का उदाहरण देते हुए कहा कि राज्य में अंधविश्वास और धर्मांतरण जैसी गतिविधियाँ जारी हैं, जबकि डायन-ओझा प्रथाएं कानूनन प्रतिबंधित हैं।

आरक्षण और चुनाव पर भी सवाल

बीजेपी नेता ने आरोप लगाया कि—

  • पंचायत चुनाव में ओबीसी आरक्षण लागू नहीं किया गया
  • नगर निकाय चुनाव वर्षों से लंबित
  • घोषणाएं की गईं, लेकिन एसटी 28%, एससी 12% और ओबीसी 27% आरक्षण देने के आदेश लागू नहीं किए

उन्होंने कहा कि राज्य में योजनाओं की घोषणा होती है, लेकिन क्रियान्वयन के नाम पर “शून्य” दिखता है।

गरीबों को न 7 किलो अनाज, न 450 का सिलेंडर

मरांडी ने कहा कि सरकार ने घोषणा की थी कि केंद्र के 5 किलो अनाज में 2 किलो जोड़कर कुल 7 किलो अनाज दिया जाएगा, लेकिन आज भी कई स्थानों पर लोगों को 5 किलो भी पूरा नहीं मिल रहा।
उन्होंने संताल परगना सहित कई इलाकों में अनाज वितरण में करोड़ों के घोटाले का आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार ने 450 रुपये में गैस सिलेंडर देने का वादा किया था, जो पूरा नहीं हुआ।

10 लाख नौकरियाँ— पर सिर्फ 8,800 नियुक्ति पत्र

बाबूलाल मरांडी ने कहा कि सरकार ने 10 लाख युवाओं को रोजगार देने का वादा किया था, लेकिन अब तक सिर्फ 8,800 नियुक्ति पत्र बांटे गए।
उन्होंने इसे “सरकार की सबसे बड़ी नाकामी” बताते हुए कहा—
“यह संख्या तो पिछले 5–6 वर्षों में रिटायर हुए कर्मचारियों से भी कम है। राज्य के आधे से अधिक पद खाली पड़े हैं।”

उन्होंने 2019 की एक्साइज पुलिस भर्ती का भी जिक्र किया, जिसमें दौड़ के दौरान 19 युवाओं की मौत हुई थी, पर सरकार की ओर से अब तक न्याय नहीं मिला।

उद्योग, कॉलेज, और विकास— सब वादे अधूरे

मारांडी ने कहा कि—

  • प्रखंड स्तर पर डिग्री कॉलेज खोलने
  • जिला मुख्यालयों में इंजीनियरिंग और मेडिकल कॉलेज स्थापित करने
  • औद्योगिक क्षेत्रों के विकास
    —जैसी घोषणाएं केवल चुनावी मंचों तक सीमित रहीं, जमीन पर कुछ नहीं हुआ।

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