Monday, December 1

हेड कॉन्स्टेबल ने जीजा के साथ मिलकर मजदूरों का किया अपहरण, ई-रिक्शा चालक की होशियारी से बची जान, अब सस्पेंड

हापुड़/मेरठ: अपराधों पर नज़र रखने वाले ही अब खुद अपराध में शामिल हो रहे हैं। ऐसा ही मामला पिलखुवा की छिजारसी पुलिस चौकी पर तैनात हेड कॉन्स्टेबल धर्मवीर सिंह का सामने आया। उसने अपने जीजा मोंटी के साथ मिलकर मध्य प्रदेश से आए दो मजदूरों का अपहरण किया और उन्हें मुजफ्फरनगर के नंगला खैपड़ गांव में अपने खेतों में जबरन काम कराया।

ई-रिक्शा चालक ने बचाई जान:
मामला तब उजागर हुआ जब अपहरण के दौरान एक ई-रिक्शा चालक को शक हुआ और उसने धर्मवीर की फोटो अपने मोबाइल से चुपचाप खींच ली। उसने रेलवे पुलिस को सूचना दी। मेरठ जीआरपी की टीम ने मौके पर छापा मारा और बंधक बनाए गए कमलेश और गुलाब दास को सुरक्षित मुक्त करा लिया। आरोपी हेड कॉन्स्टेबल धर्मवीर और उसके जीजा मोंटी को गिरफ्तार कर लिया गया है। आरोपी को सस्पेंड कर दिया गया और बर्खास्तगी की कार्यवाही शुरू कर दी गई है।

मामले का विवरण:
जानकारी के अनुसार, मध्य प्रदेश के राजकुमार अपने चार साथियों के साथ मजदूरी करने मेरठ आए थे। कैंट रेलवे स्टेशन पर उतरते समय चार लोगों ने खुद को पुलिस बताते हुए राजकुमार और उसके साथी कमलेश व गुलाब दास को जबरन कार में बैठा लिया। उन्हें नंगला खैपड़ में अपने खेतों में काम करने के लिए ले जाया गया और जान से मारने की धमकी दी गई।

पुलिस की त्वरित कार्रवाई:
रेलवे पुलिस ने एफआईआर दर्ज की और सीसीटीवी फुटेज चेक कर अपहरण की पुष्टि की। हापुड़ पुलिस ने फोटो और सबूतों के आधार पर तुरंत छिजारसी चौकी हेड कॉन्स्टेबल धर्मवीर की पहचान की और उसे गिरफ्तार कर लिया। अपहरण में शामिल अन्य दो आरोपी प्रिंस और अश्वनी की तलाश जारी है।

अब सवाल यह उठता है कि ऐसे पुलिसकर्मी कैसे कानून के प्रहरी होने के बजाय अपराध में शामिल हो जाते हैं और यह घटना नागरिकों में पुलिस पर विश्वास को हिला रही है।

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