
मंदसौर/इंदौर। मध्य प्रदेश में मंदसौर के ज्वाइंट कलेक्टर राहुल चौहान पर उनकी पत्नी निर्मला चौहान ने दहेज प्रताड़ना, शारीरिक उत्पीड़न और जबरन अबॉर्शन कराने जैसे गंभीर आरोप लगाए हैं। इंदौर के महिला थाने में दर्ज FIR में पत्नी ने शादी के बाद लगातार प्रताड़ना झेलने की बात कही है। मामला सामने आने के बाद प्रशासनिक महकमे में हड़कंप मचा हुआ है।
पत्नी का आरोप—‘शादी के अगले दिन से ही शुरू हुई प्रताड़ना’
निर्मला चौहान (32) ने दर्ज रिपोर्ट में कहा कि उनकी शादी 16 दिसंबर 2018 को हुई थी। उस समय राहुल चौहान ट्रेनी डिप्टी कलेक्टर थे। पत्नी के अनुसार, शादी के अगले ही दिन कम दहेज मिलने का आरोप लगाकर मारपीट शुरू हो गई थी।
कुछ समय बाद निर्मला की मां ने ससुर को जमीन रजिस्ट्री के लिए 50 हजार रुपये भी दिए, लेकिन उत्पीड़न बंद नहीं हुआ।
महिला थाने में दर्ज हुआ केस
इंदौर महिला थाना पुलिस ने 27 नवंबर को राहुल चौहान के खिलाफ
- दहेज प्रतिषेध अधिनियम की धारा 3/4,
- BNS 2023 की धारा 115(2), 296(b), 85
के तहत केस दर्ज किया।
रिपोर्ट 28 नवंबर को सार्वजनिक हुई।
पत्नी ने शिकायत में कहा कि अधिकारी के प्रभाव के कारण कई बार स्थानीय थानों ने शिकायत लेने से इनकार कर दिया था।
दिल्ली, खरगोन और धार में भी प्रताड़ना का आरोप
पत्नी के अनुसार—
- जून 2019 में UPSC तैयारी के लिए दिल्ली ले जाने के दौरान पति ने मारपीट की।
- 31 जुलाई 2019 को उसे मायके छोड़कर तलाक की धमकी दी।
- सितंबर 2019 में खरगोन में भी मारपीट हुई और उसका फोन तोड़ा गया।
- 2020 में गर्भावस्था के दौरान मारपीट के चलते मिसकेरेज हो गया। इलाज बॉम्बे हॉस्पिटल में कराया गया।
- बाद में पता चला कि पति किसी अन्य महिला के साथ रह रहा है।
तलाक का दबाव और लगातार उत्पीड़न का आरोप
पत्नी का कहना है कि पति ने कई बार तलाक के लिए दबाव बनाया।
सरदारपुर के सरकारी आवास में भी वह अकेली छोड़ दी गई।
कई बार पारिवारिक बैठकों में समझौते की कोशिश हुई लेकिन बात नहीं बनी।
निर्मला अब बीते दो साल से इंदौर में अपनी मां के साथ रह रही हैं।
‘वरिष्ठ अधिकारी होने के कारण शिकायत नहीं ली गई’—वकील
निर्मला के अधिवक्ता प्रवीण कचोले का आरोप है कि राजनीतिक और प्रशासनिक प्रभाव के कारण शुरुआती शिकायतें दर्ज नहीं की गईं। सरदारपुर थाने ने भी आवेदन लेने से इनकार किया।
अधिकारी का पक्ष—‘सभी आरोप झूठे, तलाक केस मैंने दायर किया’
ज्वाइंट कलेक्टर राहुल चौहान ने खुद पर लगे सभी आरोपों को निराधार बताया है।
उन्होंने कहा—
“मेरे खिलाफ लगाए गए आरोप पूरी तरह झूठे हैं। तलाक का केस मैंने ही दायर किया है। अबॉर्शन कराने की बात गलत है। बॉम्बे हॉस्पिटल के दस्तावेज देखे जा सकते हैं। इलाज का 15 लाख रुपये खर्च मैंने वहन किया है।”
जांच शुरू, मामले पर नजर
महिला थाना पुलिस मामले की जांच में जुटी है। आरोप गंभीर होने के कारण प्रशासनिक तंत्र भी मामले पर करीबी नजर रखे हुए है।