
मुंबई: महाराष्ट्र में बीजेपी और शिवसेना के बीच गठबंधन को लेकर खटास की खबरें सामने आ रही हैं। यह तब हुआ जब शिवसेना विधायक निलेश राणे ने बीजेपी पर वोटरों को रिश्वत देने का आरोप लगाया। इस पर महाराष्ट्र बीजेपी प्रमुख रविंद्र चव्हाण ने बड़ा बयान देते हुए कहा कि वे 2 दिसंबर तक गठबंधन को बचाना चाहते हैं।
चव्हाण ने कहा, “मैं आरोपों का जवाब बाद में दूँगा, फिलहाल हमारी प्राथमिकता गठबंधन को बनाए रखना है।”
दरअसल, एकनाथ शिंदे की अगुवाई वाली शिवसेना के विधायक निलेश राणे ने दावा किया कि कंकावली और मालवन नगर निकाय चुनावों से पहले बीजेपी कार्यकर्ताओं ने वोटरों को प्रभावित करने के लिए पैसे बांटे। उन्होंने कहा कि उन्होंने स्टिंग ऑपरेशन के जरिए यह सब दर्ज किया है और पुलिस में FIR दर्ज करने की मांग की है।
चव्हाण ने आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि विपक्षी खेमे में बेचैनी है और वे बस राजनीतिक खेल में घबराहट महसूस कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि किसी भी गलती की स्थिति में कानूनी कार्रवाई का समर्थन करेंगे।
बीजेपी के वरिष्ठ नेता और रेवेन्यू मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने भी कहा कि किसी के घर में घुसकर स्टिंग करना सही नहीं है, लेकिन अगर पैसे में गड़बड़ी पाई जाती है तो कार्रवाई आवश्यक है। वहीं, राज्य मंत्री नितेश राणे ने अपने बड़े भाई के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि कई कार्यकर्ताओं के पास जायज व्यापारिक आय होती है, और घर में कैश होना गलत नहीं माना जा सकता।
कंकावली के बीजेपी कार्यकर्ता विजय केनवाडेकर ने भी अपने ऊपर लगे आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि उन्होंने पुलिस को पैसे के स्रोत के बारे में बताया है और पूरा सहयोग करेंगे।
राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि यह विवाद बीजेपी और शिवसेना के बीच स्थिर गठबंधन के लिए चुनौती बन सकता है, खासकर स्थानीय निकाय चुनावों से ठीक पहले।