
कटनी। मध्य प्रदेश के कटनी जिले में भाजपा विधायक और पूर्व मंत्री संजय सत्येंद्र पाठक गंभीर भूमि घोटाले के आरोपों में घिर गए हैं। बुधवार को आदिवासी कांग्रेस और गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के नेतृत्व में आदिवासी संगठनों ने कलेक्ट्रेट परिसर में जोरदार प्रदर्शन किया। इस दौरान पुलिस से तीखी झड़प भी देखने को मिली। प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि विधायक ने अपने यहां कार्यरत गरीब आदिवासी कर्मचारियों के नाम पर 1135 एकड़ जमीन खरीदी है, जबकि यह पूरा मामला कथित रूप से बेनामी संपत्ति का खेल है।
क्या है आरोपों का आधार?
शिकायतकर्ता दिव्यांशु मिश्रा के अनुसार, विजयराघवगढ़ विधायक संजय पाठक ने अपने चार कर्मचारियों—
नत्थू कोल, प्रहलाद कोल, राकेश सिंह गौड़ और रघुराज सिंह गौड़—
के नाम पर डिंडौरी जिले में हजार एकड़ से अधिक भूमि खरीदी। आरोप है कि ये कर्मचारी बेहद साधारण आदिवासी परिवारों से आते हैं और इतनी महंगी जमीन खरीद पाना उनके सामर्थ्य से बाहर है।
प्रदर्शनकारियों ने कहा कि यह पूरा खेल आदिवासियों के नाम पर बेनामी संपत्ति इकट्ठा करने का है, जिसकी निष्पक्ष जांच बेहद जरूरी है।
जिनके नाम पर जमीन, वे चारों बताए जा रहे लापता
प्रदर्शन का सबसे गंभीर पहलू उन चार आदिवासी कर्मचारियों का रहस्यमय ढंग से गायब होना है। दिव्यांशु मिश्रा का कहना है कि घोटाले की शिकायत दर्ज होते ही ये चारों अपने घरों से अचानक लापता हो गए।
उन्होंने आरोप लगाया कि एसपी को लिखित शिकायत देकर इन कर्मचारियों की सुरक्षा की मांग की गई थी, लेकिन पुलिस ने अब तक कोई कार्रवाई नहीं की। “न इनके बयान लिए गए, न ही प्रशासन ने इनकी तलाश को गंभीरता से लिया,” प्रदर्शनकारियों ने कहा।
दिल्ली तक गया मामला, आयोग ने भेजे नोटिस
मामला अब राजधानी दिल्ली तक पहुंच चुका है। राष्ट्रीय आदिवासी आयोग ने 15 सितंबर को कटनी, जबलपुर, डिंडौरी, उमरिया और सिवनी के कलेक्टरों को नोटिस जारी कर पूछा था कि इन साधारण आदिवासियों के नाम पर इतनी विशाल और कीमती जमीन कैसे दर्ज हो गई?
आरोप है कि आयोग को अभी तक किसी भी जिले से संतोषजनक जवाब प्राप्त नहीं हुआ है।
बैंक खातों की जांच की मांग
प्रदर्शनकारियों ने डिप्टी कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर मांग की है कि इन चारों आदिवासियों के पिछले 25 वर्षों के बैंक लेन-देन की जांच कराई जाए। उनका कहना है कि बैंक स्टेटमेंट सामने आ जाए तो सारा सच उजागर हो जाएगा।
इस बीच कटनी कलेक्टर का कहना है कि मामले से जुड़ी जानकारी एकत्र की जा रही है और आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।