Wednesday, November 19

Mutual Funds में निवेशक कर रहे बदलाव: फ्लेक्सीकैप और मिडकैप फंड बने पसंदीदा विकल्प

मुंबई: बीते कई महीनों से इक्विटी म्यूचुअल फंड में निवेश गिर रहा है और निवेशक अब अपने पोर्टफोलियो में विविधता (Diversification) लाने की रणनीति अपना रहे हैं। एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (AMFI) के आंकड़ों के अनुसार, अक्टूबर 2025 में इक्विटी म्यूचुअल फंड में निवेश सितंबर के मुकाबले 19% घटकर घटा।

फ्लेक्सीकैप और मिडकैप में बढ़ी दिलचस्पी

निवेशक अब फ्लेक्सीकैप और मिडकैप फंडों की ओर बढ़ रहे हैं। सितंबर में फ्लेक्सीकैप म्यूचुअल फंड में 7,029 करोड़ रुपये का निवेश हुआ था, जो अक्टूबर में बढ़कर 8,929 करोड़ रुपये हो गया। वहीं, मिडकैप फंड में निवेश 3,807 करोड़ रुपये रहा। इसके विपरीत, लार्जकैप और स्मॉलकैप फंडों में निवेशक कम रुचि दिखा रहे हैं।

मिडकैप फंड्स का प्रदर्शन

पिछले तीन वर्षों में मिडकैप फंड्स ने शानदार रिटर्न दिया है। उदाहरण के लिए:

  • निप्पॉन इंडिया ग्रोथ मिडकैप फंड – 25.13% रिटर्न
  • यूटीआई मिडकैप फंड – 21.22% रिटर्न
  • डीएसपी मिडकैप फंड – 18.44% रिटर्न

35 मिडकैप फंड्स में से अधिकांश ने पिछले तीन वर्षों में 15% से ऊपर रिटर्न दिया। इसकी सफलता का मुख्य कारण सुस्पष्ट निवेश प्रक्रिया, जोखिम प्रबंधन और गहन शोध है।

लंबी अवधि के निवेश के लिए आदर्श

विशेषज्ञों का कहना है कि मिडकैप फंड लंबे समय के निवेश के लिए सबसे उपयुक्त हैं। ये पूंजी में वृद्धि पर केंद्रित होते हैं और समय के साथ निवेश मूल्य में स्थिर बढ़ोतरी सुनिश्चित करते हैं। इसके अलावा, ये विभिन्न क्षेत्रों में निवेश करके पोर्टफोलियो में डायवर्सिफिकेशन लाने में मदद करते हैं, जिससे निवेशकों का जोखिम कम होता है।

निष्कर्ष: हाल के आंकड़े स्पष्ट रूप से दिखाते हैं कि निवेशक अब इक्विटी म्यूचुअल फंड में केवल बड़े और छोटे फंड पर निर्भर नहीं रह रहे, बल्कि फ्लेक्सीकैप और मिडकैप फंड को अपने पोर्टफोलियो का मुख्य हिस्सा बना रहे हैं।

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