Wednesday, November 19

आरबीआई की मीटिंग में हो सकती है खुशखबरी: लोन की किस्त होगी कम!

नई दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) दिसंबर 2025 में अपनी मौद्रिक नीति (Monetary Policy) बैठक में रेपो रेट में 25 बेसिस पॉइंट की कटौती कर सकता है। इससे आम लोगों के लिए लोन सस्ते हो सकते हैं और EMIs यानी कर्ज की मासिक किस्त में राहत मिल सकती है।

रेपो रेट कम होने का मतलब

रेपो रेट वह दर है, जिस पर आरबीआई वाणिज्यिक बैंकों को लोन देती है। जब रेपो रेट कम होती है, तो बैंकों द्वारा दिए जाने वाले होम लोन, पर्सनल लोन और बिजनेस लोन की ब्याज दरें घट जाती हैं। मॉर्गन स्टेनली की रिपोर्ट के अनुसार, अगर यह कटौती होती है, तो दिसंबर में रेपो रेट घटकर 5.25 प्रतिशत हो जाएगी।

RBI की रणनीति: सतर्क और विचारशील

आरबीआई इस कदम के बाद ‘रुको और देखो’ की नीति अपनाएगा। केंद्रीय बैंक ब्याज दरों, नकदी की उपलब्धता और अन्य नियामक उपायों के प्रभाव का मूल्यांकन करेगा। इसका मतलब है कि दरों में कोई अचानक बदलाव नहीं होगा और निर्णय आर्थिक डेटा पर आधारित होगा।

महंगाई और आर्थिक स्थिति

रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत की महंगाई दर (CPI) 2025 में निचले स्तर पर रहने के बाद 2026-27 में थोड़ा बढ़ सकती है। अनुमान है कि सालाना महंगाई दर 4 से 4.2 प्रतिशत के करीब रहेगी। इसके अलावा भारत का चालू खाता घाटा लगभग 1% के आसपास या उससे कम रहने की उम्मीद है।

निवेशकों और आम लोगों के लिए राहत

  • लोन पर ब्याज कम होगा
  • EMIs में सीधे राहत
  • आर्थिक विकास और निवेशकों के भरोसे को बढ़ावा

निष्कर्ष: दिसंबर 2025 में आरबीआई की बैठक में रेपो रेट में कटौती की संभावना से निवेशक और आम लोग दोनों के लिए सकारात्मक संकेत मिल रहे हैं। इस कदम से लोन सस्ता होगा और आर्थिक गतिविधियों को भी बढ़ावा मिलेगा।

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