
नीति आयोग द्वारा जारी किया गया वित्तीय स्वास्थ्य सूचकांक भारतीय राज्यों की आर्थिक प्रगति और वित्तीय प्रबंधन का एक महत्वपूर्ण मानक है। इस सूचकांक में ओडिशा, छत्तीसगढ़ और गोवा ने शीर्ष स्थान प्राप्त किया, जो उनके कुशल आर्थिक संचालन और मजबूत वित्तीय प्रबंधन को दर्शाता है।
इस सूचकांक का मुख्य उद्देश्य राज्यों की वित्तीय स्थिरता, खर्च नियंत्रण, राजस्व संग्रह और कर्ज प्रबंधन का आकलन करना है। इसमें उन राज्यों को प्राथमिकता दी गई है, जो अपने संसाधनों का प्रभावी उपयोग करते हुए आर्थिक स्थिरता बनाए रखने में सफल रहे हैं। ओडिशा और छत्तीसगढ़ ने योजनागत खर्च और वित्तीय अनुशासन में श्रेष्ठ प्रदर्शन किया है, जबकि गोवा ने अपने राजस्व संग्रह और पर्यटन आधारित अर्थव्यवस्था को मजबूत किया है।
यह सूचकांक राज्यों को बेहतर वित्तीय प्रबंधन की दिशा में प्रेरित करता है। इसके जरिए न केवल राज्यों की उपलब्धियों को मान्यता दी जाती है, बल्कि उनकी कमजोरियों को भी उजागर किया जाता है। उदाहरणस्वरूप, जो राज्य सूची में नीचे स्थान पर हैं, उन्हें अपने राजस्व संग्रह, कर्ज प्रबंधन और योजनागत खर्च में सुधार की आवश्यकता है।
हालांकि, इस सूचकांक में सुधार की भी गुंजाइश है। वर्तमान में, यह सूचकांक राज्यों के पर्यावरणीय पहलुओं और सामाजिक कल्याण कार्यक्रमों के प्रभाव का समुचित आकलन नहीं करता।
कुल मिलाकर, नीति आयोग का वित्तीय स्वास्थ्य सूचकांक राज्यों को वित्तीय अनुशासन और जिम्मेदारी के साथ काम करने की प्रेरणा देता है। यह सूचकांक भारत को आर्थिक स्थिरता और विकास के पथ पर ले जाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।