Monday, November 3

गाजियाबाद की हवा में घुला जहर: AQI 368 तक पहुंचा, डॉक्टरों की चेतावनी – बेहद जरूरी हो तभी निकलें घर से बाहर

गाजियाबाद, संवाददाता।

दिल्ली-एनसीआर की तरह गाजियाबाद की हवा भी एक बार फिर जहरीली हो चुकी है। सोमवार को यहां का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 368 दर्ज किया गया, जो ‘बहुत खराब’ श्रेणी में आता है। शहर में फैली धुंध और धूल की मोटी परत ने लोगों का सांस लेना तक मुश्किल कर दिया है। विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि लोग बिना जरूरत घर से बाहर न निकलें, और यदि निकलना जरूरी हो तो एन-95 मास्क का प्रयोग अवश्य करें।

प्रदूषण स्तर खतरनाक, सबसे ज्यादा खतरा बच्चों और बुजुर्गों को
हवा में मौजूद सूक्ष्म कण पीएम 2.5 और पीएम 10 अब स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा बन चुके हैं। डॉक्टरों के अनुसार, यह स्थिति अस्थमा, हृदय रोग, और श्वसन संबंधी बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए बेहद खतरनाक है। उन्होंने सलाह दी है कि लोग सुबह की सैर, योग या बाहरी व्यायाम फिलहाल टाल दें और घर के अंदर ही फिटनेस गतिविधियां करें।

प्रशासन की लापरवाही उजागर – नहीं हो रहा पानी का छिड़काव
हवा की गुणवत्ता खतरनाक स्तर पर पहुंच जाने के बावजूद नगर निगम और प्रदूषण नियंत्रण विभाग की ओर से अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। सड़कों पर धूल कम करने के लिए पानी का छिड़काव तक नहीं हो रहा। नागरिकों का कहना है कि हर साल प्रदूषण बढ़ने के बाद केवल बैठकों और फाइलों तक ही कार्रवाई सीमित रह जाती है, जिससे हालात और बिगड़ते जा रहे हैं।

‘हवा में जलन और सांस फूलने लगी है’ – जय कुमार शर्मा
वसुंधरा निवासी जय कुमार शर्मा ने बताया कि पहले वह रोज 10 किलोमीटर दौड़ लगाते थे, लेकिन अब दो किलोमीटर चलने पर ही सांस फूल जाती है। उन्होंने कहा, “हवा इतनी खराब है कि आंखों में जलन होने लगी है। प्रशासन को तुरंत एंटी-स्मॉग गन और वाटर स्प्रे मशीनों से छिड़काव शुरू करना चाहिए, वरना यह जहरीली हवा लोगों की सेहत के लिए गंभीर संकट बन जाएगी।”

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