Tuesday, November 18

बॉयफ्रेंड-गर्लफ्रेंड, लिव-इन रिलेशन पर संतों की चिंता, दंडी स्वामी ने प्रेमानंद महाराज के प्रयासों की सराहना की

वृंदावन, ज्योति शर्मा

वृंदावन स्थित कुंज आश्रम में संत प्रेमानंद महाराज और दंडी स्वामी महाराज के बीच एक विशेष और महत्वपूर्ण भेंट हुई। इस भेंट के दौरान प्रेमानंद महाराज ने न केवल स्वयं दंडवत प्रणाम किया, बल्कि अपने शिष्यों को भी दंडी स्वामी महाराज के समक्ष दंडवत करने का निर्देश दिया।

इस मुलाकात का मुख्य विषय समाज में फैल रहे व्यभिचार और व्यसन था। प्रेमानंद महाराज ने कहा कि उनका प्रयास यही है कि लोग आध्यात्म से जुड़ें और लड़कियों-लड़कों के बीच अनैतिक संबंध (बॉयफ्रेंड-गर्लफ्रेंड, लिव-इन रिलेशन) और व्यसन से दूर रहें। उन्होंने चिंता जताई कि पहले आश्रम ही ब्रह्मचर्य और धर्म व्यवस्था की रक्षा नहीं कर सका, तो समाज का आध्यात्मिक मार्ग कैसे कायम रहेगा। उन्होंने देशवासियों से अपील की कि वे विदेशी संस्कृति का अनुकरण न करें और अपने धर्म प्रधान देश की चार आश्रम व्यवस्था को समझें।

कलिकाल और संतों की भूमिका
दंडी स्वामी महाराज ने प्रेमानंद महाराज के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि संतों का सामर्थ्य असीमित है, परंतु इस कलिकाल में लोगों को बदलने के लिए निवेदन करना मुश्किल है। प्रेमानंद महाराज ने उत्तर दिया कि युग धर्म के प्रभाव और भगवान की छूट के बावजूद संतजन लगातार समाज को धर्म के मार्ग पर लाने का प्रयास करते हैं। वे आध्यात्म और भगवान की जय के लिए संघर्षरत रहते हैं और समाज को सही दिशा दिखाने का कार्य करते हैं।

इस मुलाकात ने समाज में धर्म, ब्रह्मचर्य और नैतिक मूल्यों की रक्षा के महत्व को उजागर किया।

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