Saturday, November 15

मैहर कलेक्टर का सख्त एक्शन: अस्पताल में गंदगी और खाली NRC पर हुई सख्त कार्रवाई, सफाई एजेंसी पर जुर्माना

मैहर (नवभारत टाइम्स): मध्य प्रदेश के मैहर जिले की कलेक्टर रानी बाटड ने शुक्रवार को अमरपाटन सिविल अस्पताल का आकस्मिक निरीक्षण किया, और वहां की गंदगी और अव्यवस्थाओं को देख कर तीव्र नाराजगी व्यक्त की। निरीक्षण के दौरान अस्पताल में साफ-सफाई की स्थिति अत्यंत खराब पाई गई, जिसके बाद कलेक्टर ने तुरंत एक्शन लिया। अस्पताल में लापरवाही के लिए आउटसोर्स सफाई एजेंसी पर जुर्माना लगाया गया, वहीं, कुपोषित बच्चों के इलाज के लिए बनाए गए पोषण पुनर्वास केंद्र (NRC) में सभी बेड खाली पाए जाने पर बीएमओ को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया।

सफाई व्यवस्था पर कलेक्टर का गुस्सा:
कलेक्टर रानी बाटड ने अस्पताल में गंदगी को देखते हुए अस्पताल प्रशासन को कड़ी फटकार लगाई। उन्होंने कहा कि अस्पताल में साफ-सफाई की स्थिति असंतोषजनक है, जो मरीजों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकती है। इसके साथ ही, कलेक्टर ने अस्पताल में सफाई का जिम्मा उठाने वाली आउटसोर्स एजेंसी ‘स्काई बुल सिक्योरिटी सर्विस’ को 10 हजार रुपये का जुर्माना लगाने का आदेश दिया।

सीएमएचओ डॉ. एलके तिवारी ने इस आदेश को लागू करते हुए एजेंसी से 24 घंटे के भीतर जुर्माना राशि रोगी कल्याण समिति के खाते में जमा करने को कहा है। एजेंसी द्वारा अनुबंध की शर्तों का उल्लंघन करते हुए सफाई में गंभीर लापरवाही बरतने पर कलेक्टर ने यह कदम उठाया।

खाली NRC पर कार्रवाई:
इसके अलावा, कलेक्टर ने अस्पताल में कुपोषित बच्चों के इलाज के लिए बनाए गए पोषण पुनर्वास केंद्र (NRC) का भी निरीक्षण किया, जहां उन्हें यह देखकर हैरानी हुई कि केंद्र में सभी बेड खाली थे। यह स्थिति तब है जब कुपोषण ग्रामीण क्षेत्रों में एक गंभीर समस्या बन चुकी है। कलेक्टर ने इस पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए बाल विकास परियोजना के अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश दिए।

अस्पताल प्रबंधन पर गाज:
कलेक्टर रानी बाटड ने अस्पताल के प्रबंधन की लापरवाही को लेकर भी कड़ी कार्रवाई की। अस्पताल परिसर में फैली गंदगी और समग्र व्यवस्था को अव्यवस्थित मानते हुए उन्होंने अस्पताल के प्रभारी बीएमओ डॉ. सतनामी और अन्य संबंधित अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किए।

कलेक्टर के इस अप्रत्याशित निरीक्षण ने अस्पताल प्रबंधन में हड़कंप मचा दिया है। अब देखना यह है कि अस्पताल प्रशासन इन कड़ी कार्रवाईयों के बाद अपनी व्यवस्थाओं को कितनी जल्दी सुधारता है, ताकि मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान की जा सकें।

सख्त कार्रवाई से प्रशासन पर दबाव:
कलेक्टर रानी बाटड की इस सख्त कार्रवाई ने न केवल अस्पताल प्रशासन को बल्कि संबंधित अधिकारियों को भी चेतावनी दी है कि स्वास्थ्य सेवाओं में कोई भी लापरवाही नहीं बरती जाएगी। उनकी सख्ती के बाद, अब अस्पतालों की स्वच्छता और उपचार की व्यवस्था में सुधार की उम्मीद जताई जा रही है।

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