
हाथरस: यमुना एक्सप्रेसवे के निकट न्यू हाथरस अर्बन सेंटर बसाने की योजना पर काम तेजी से आगे बढ़ रहा है। उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में विकसित होने वाले इस नए शहर का क्षेत्रफल लगभग 4000 हेक्टेयर होगा। योजना के तहत शहर के इंडस्ट्री और रेजिडेंशल क्षेत्रों का मास्टर प्लान तैयार किया जाएगा।
तीन कंपनियों ने किया आवेदन
यमुना प्राधिकरण के फेज-2 प्रोजेक्ट के तहत मास्टर प्लान निर्माण के लिए तीन कंपनियों ने आवेदन किया है। इसमें आरवी इंजीनियरिंग कंसल्टेंट लिमिटेड, गरुणा यूएसबी सॉफ्ट सॉल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड और एलईए एसोसिएट साउथ एशिया प्राइवेट लिमिटेड शामिल हैं। यमुना अथॉरिटी के सीईओ आरके सिंह की अध्यक्षता में गठित कमेटी ने सभी तीन कंपनियों को क्वालिफाई घोषित किया है।
जल्द ही वित्तीय बिड से होगा चयन
अब इन कंपनियों में से किसी एक को मास्टर प्लान तैयार करने के लिए वित्तीय बिड के आधार पर चुना जाएगा। चयनित कंपनी न्यू हाथरस का मास्टर प्लान तैयार करेगी, जिसके बाद योजना पर काम शुरू किया जाएगा।
यमुना एक्सप्रेसवे के निकट रणनीतिक महत्व
न्यू हाथरस अर्बन सेंटर यमुना एक्सप्रेसवे के नजदीक होगा, जिससे इसका रणनीतिक महत्व बढ़ जाता है। हाथरस शहर की कनेक्टिविटी अलीगढ़ और आगरा से बेहतर है। नया शहर एनएच-93 और एसएच-33 के जरिए रोड नेटवर्क से जुड़ा होगा और रेल कनेक्टिविटी भी अच्छी होगी।
358 गांव योजना में शामिल
यमुना प्राधिकरण की अधिसूचना के अनुसार, जिले के 358 गांवों को न्यू हाथरस योजना में शामिल किया गया है। यह क्षेत्र व्यवसायिक और औद्योगिक दृष्टि से विकसित किया जाएगा, ताकि हाथरस को आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर और नई संभावनाओं से लैस किया जा सके।
यीडा के एसीईओ ने किया बयान
यीडा के एसीईओ शैलेंद्र भाटिया ने कहा, “तीन कंपनियों ने टेक्निकल बिड में क्वालिफाई कर लिया है। अब वित्तीय बिड के जरिए एक संस्था का चयन कर मास्टर प्लान तैयार कराया जाएगा। शुरुआती विकास यमुना एक्सप्रेसवे के निकट होगा।”