
देश की बेटियां अब पढ़ाई और करियर के हर मोर्चे पर लड़कों से आगे निकल रही हैं। बोर्ड परीक्षा, NEET, UPSC जैसी टॉप लेवल की परीक्षा में टॉपर लिस्ट में लड़कियों की संख्या लगातार बढ़ रही है।
शिक्षा मंत्रालय के स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग ने 66 शिक्षा बोर्ड्स के 2024-25 के परिणामों का विश्लेषण किया। 12वीं में 60 प्रतिशत या उससे अधिक अंक पाने वाले कुल 80 लाख स्टूडेंट्स में 42.8 लाख लड़कियां हैं, जबकि 37.2 लाख लड़के सफल हुए। 10वीं में भी लड़कियों ने बढ़त बनाई—92 लाख स्टूडेंट्स में 48 लाख लड़कियां और 44 लाख लड़के 60 प्रतिशत से अधिक अंक हासिल करने में कामयाब रहे।
STEM में बेटियों को मिलेगा बढ़ावा
साइंस, टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग और मैथ्स (STEM) कोर्सेज में लड़कियों की संख्या लगातार बढ़ रही है। 2022 में 23.3 लाख लड़कियां साइंस स्ट्रीम में पास हुई थीं, जो 2024 में बढ़कर 28.1 लाख हो गई हैं। इसी वजह से सरकार अब STEM कोर्सेज में छात्राओं के लिए अधिक सीटें बढ़ाने पर विचार कर रही है।
स्कूलों में महिला टीचर्स की संख्या हुई पुरुषों से ज्यादा
यूनिफाइड डिस्ट्रिक्ट इंफॉर्मेशन सिस्टम फॉर एजुकेशन प्लस (UDISE+) की रिपोर्ट के अनुसार, अब देश के स्कूलों में कुल 101.2 लाख टीचर्स हैं, जिनमें 54.8 लाख महिलाएं हैं। यह पहली बार है जब महिला टीचर्स की संख्या पुरुष शिक्षकों से अधिक हो गई है। इससे छात्र-शिक्षक अनुपात (PTR) भी बेहतर हुआ है और लड़कियों का स्कूलों में नामांकन बढ़कर 48.3 प्रतिशत हो गया है।
सचिव संजय कुमार का कहना है:
“बोर्ड परीक्षाओं में लड़कियों का प्रदर्शन लगातार बेहतर हो रहा है। ड्रॉप आउट रेट में भी लड़कियों की संख्या लड़कों से कम है। यही नहीं, उच्च शिक्षा में STEM कोर्सेज में छात्राओं के लिए अधिक अवसर दिए जा रहे हैं।”
देश की बेटियां अब न केवल पढ़ाई में, बल्कि भविष्य के डॉक्टर, इंजीनियर और अफसर बनने में भी लड़कों के बराबर या उनसे आगे हैं। यह बदलाव भारतीय शिक्षा व्यवस्था और समाज के लिए गर्व की बात है।