Monday, December 22

बांग्लादेश में बढ़ती हिंसा: हादी के बाद एक और नेता पर जानलेवा हमला, NCP नेता को सिर में गोली

बांग्लादेश में राजनीतिक हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है। छात्र नेता शरीफ उस्मान बिन हादी की हत्या के बाद सुलग रही आग अब और भड़कती नजर आ रही है। ताजा घटना में नेशनल सिटिजन पार्टी (NCP) के खुलना डिविजनल चीफ और केंद्रीय आयोजक मोतालेब सिकदर पर जानलेवा हमला किया गया है। अज्ञात बंदूकधारियों ने सिकदर को सिर में गोली मार दी, जिसके बाद उन्हें गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

This slideshow requires JavaScript.

हमलावर वारदात को अंजाम देकर मौके से फरार हो गए। इस हमले का तरीका भी ठीक वैसा ही बताया जा रहा है, जैसा कुछ दिन पहले छात्र नेता उस्मान हादी पर हुए हमले में देखा गया था। इससे आशंका जताई जा रही है कि यह घटनाएं किसी संगठित साजिश का हिस्सा हो सकती हैं।

हादी की हत्या के बाद से उबल रहा बांग्लादेश

इंकलाब मंच के प्रवक्ता और छात्र नेता शरीफ उस्मान बिन हादी की बीते सप्ताह अज्ञात हमलावरों द्वारा हत्या कर दी गई थी। इसके बाद से बांग्लादेश के कई शहरों में हालात लगातार बिगड़ते चले गए।
हादी की मौत से भड़की भीड़ ने ढाका समेत कई बड़े शहरों में आगजनी, तोड़फोड़ और हिंसा को अंजाम दिया। अब मोतालेब सिकदर पर हुए हमले ने यह साफ कर दिया है कि राजनीतिक हिंसा का दायरा और फैल सकता है।

अल्पसंख्यक और राजनीतिक कार्यकर्ता निशाने पर

राजधानी ढाका सहित देश के अधिकांश बड़े शहर हिंसा की चपेट में हैं। हालात ऐसे हैं कि अल्पसंख्यक समुदाय, खासकर हिंदू, और राजनीतिक कार्यकर्ता लगातार भीड़ के निशाने पर आ रहे हैं। जगह-जगह आगजनी, घरों को जलाने और मारपीट की घटनाओं ने आम लोगों में दहशत फैला दी है।

राजनीतिक अस्थिरता की जड़ें गहरी

बांग्लादेश पिछले एक साल से गंभीर राजनीतिक अस्थिरता के दौर से गुजर रहा है। बीते साल जूनजुलाई में शेख हसीना सरकार के खिलाफ देशव्यापी आंदोलन हुए थे। इन प्रदर्शनों के दौरान ढाका और आसपास के इलाकों में व्यापक हिंसा देखने को मिली थी।
आखिरकार अगस्त में शेख हसीना की सरकार गिर गई और उन्हें देश छोड़कर जाना पड़ा।

यूनुस सरकार में कानूनव्यवस्था पर गंभीर सवाल

शेख हसीना के सत्ता से हटने के बाद मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व में अंतरिम सरकार बनी, लेकिन तमाम दावों के बावजूद देश में कानून-व्यवस्था लगातार कमजोर होती नजर आ रही है।
बीते हफ्ते हुई घटनाओं ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी चिंता बढ़ा दी है—

  • अल्पसंख्यक युवक की भीड़ द्वारा हत्या
  • घरों और दुकानों में आगजनी
  • हजारों की भीड़ के सामने पुलिस और प्रशासन का बेबस नजर आना

 

Leave a Reply