
कोटा/सम्ब्रत चतुर्वेदी: देश के सबसे बड़े इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स में शामिल दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे कोटा जिले में मुकंदरा टाइगर रिजर्व के नीचे बनाई जा रही 4.8 किलोमीटर लंबी अंडरग्राउंड टनल से होकर गुजरेगी। इस अत्याधुनिक टनल का एक ट्यूब मार्च 2026 तक ट्रैफिक के लिए तैयार हो जाएगा।
आठ लेन, सुरक्षित और आधुनिक तकनीक से सुसज्जित
इस टनल में कुल आठ लेन होंगे और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए सीसीटीवी कैमरे लगाये गए हैं। एनएचएआई के प्रोजेक्ट डायरेक्टर संदीप अग्रवाल के अनुसार, टनल के चालू होने के बाद दिल्ली से मुंबई का सफर अब केवल 12 घंटे में पूरा किया जा सकेगा, जबकि वर्तमान में यही दूरी तय करने में लगभग दोगुना समय लगता है।
600 फीट ऊंची पहाड़ी के नीचे इंजीनियरिंग का नमूना
मुकंदरा टाइगर रिजर्व की लगभग 600 फीट ऊंची पहाड़ी के नीचे टनल का निर्माण तकनीकी चुनौती रहा। इस प्रोजेक्ट को पूरा करने में 4 साल 9 महीने का समय लगा। टनल का भीतरी हिस्सा तैयार हो चुका है, जबकि बाहरी सीमेंटेड स्ट्रक्चर का निर्माण अभी जारी है।
वन्यजीवों की सुरक्षा, ट्रैफिक की सुगमता
टनल को इस तरह डिजाइन किया गया है कि ऊपर वन्यजीवों की आवाजाही बाधित न हो और नीचे ट्रैफिक सुचारू रूप से चलता रहे। इसके अलावा, टनल के पास चेचट फ्लाईओवर बनाया गया है, जो एनएच-52 से जोड़ता है और स्थानीय यातायात को भी सुविधा देगा।
20 किलोमीटर का अतिरिक्त चक्कर खत्म होगा
अभी टनल अधूरी होने के कारण वाहनों को गोपालपुरा इंटरचेंज से उतरकर लगभग 20 किलोमीटर का अतिरिक्त चक्कर लगाना पड़ता है। टनल चालू होने के बाद यह अतिरिक्त दूरी खत्म हो जाएगी और जाम की समस्या भी स्थायी रूप से दूर होगी।
आने वाले मार्च से ट्रैफिक शुरू होने की संभावना
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, टनल का एक ट्यूब मार्च 2026 तक चालू होने की संभावना है। इससे न केवल ट्रैफिक का समय बचेगा, बल्कि मुकंदरा टाइगर रिजर्व क्षेत्र में जाम की समस्या से भी राहत मिलेगी।