Friday, December 12

PMO का नाम ‘सेवातीर्थ’ अनुचित: मेरठ में शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने जताई तीखी आपत्ति, सनातन धर्म के मूल तत्वों पर आघात बताया

मेरठ। उत्तर प्रदेश के मेरठ के कंकरखेड़ा स्थित योगीपुरम कॉलोनी में पहुंचे जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज ने प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) का नाम बदलकर ‘सेवातीर्थ’ किए जाने पर कड़ा विरोध जताया है। उन्होंने इसे सनातन धर्म के मूल तत्वों पर आघात बताते हुए इसे गंभीर धार्मिक मुद्दा करार दिया।

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शंकराचार्य का स्वागत और आशीर्वाद

स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज उत्तराखंड के शीतकालीन चारधामों की यात्रा से लौटते हुए बुधवार को मेरठ पहुंचे। उनका बड़े सम्मान के साथ स्वागत किया गया। उन्होंने स्थानीय लोगों पर गंगाजल का छिड़काव कर आशीर्वाद दिया और महिलाओं व पुरुषों को प्रसाद वितरित करते हुए लंबी उम्र और मंगलमय जीवन की कामना की।

प्रेस कॉन्फ्रेंस में शंकराचार्य ने कहा कि उन्हें 2 दिसंबर 2025 से PMO का नाम बदलकर ‘सेवातीर्थ’ किए जाने की जानकारी मीडिया के माध्यम से मिली।

तीर्थों पर सरकारी निर्णय को शास्त्रविरुद्ध बताया

स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा—
“एक हिंदू धर्म के मानने वाले प्रधानमंत्री से यह उम्मीद नहीं थी कि उनके नेतृत्व में सनातन धर्म के अनिवार्य अंग ‘तीर्थों’ पर प्रहार होगा। ‘तीर्थ’ शब्द का सरकारी भवनों के लिए प्रयोग शास्त्र के विरुद्ध है। इसे करना सनातन धर्म की पवित्रता को कमजोर करने जैसा अधार्मिक और अपमानजनक निर्णय है।”

शास्त्रीय प्रमाण का हवाला

शंकराचार्य ने आदि शंकराचार्य के छांदोग्य उपनिषद् 8.15.1 के भाष्य का उल्लेख करते हुए कहा—
“तीर्थनाम शास्त्रानुज्ञा विषयस्ततोऽन्यत्रेत्यर्थः”
इसका अर्थ है कि शास्त्रों में जिसे तीर्थ के रूप में मान्यता दी गई हो, वही तीर्थ कहलाता है। अन्य किसी स्थान को तीर्थ कहना शास्त्रों के विपरीत है।

उन्होंने स्पष्ट किया कि प्रधानमंत्री कार्यालय जैसे प्रशासनिक भवन का नाम तीर्थ रखना सनातन परंपरा का उल्लंघन है।

सनातन संस्कृति की रक्षा की अपील

शंकराचार्य ने सरकार से इस निर्णय को वापस लेने की मांग की और कहा—
“तीर्थों की पवित्रता हमेशा शास्त्रों से परिभाषित होती है, सत्ता से नहीं। सरकारें आती-जाती रहती हैं, लेकिन धर्म और उसके तीर्थ सनातन हैं।”

उन्होंने सनातन परंपरा के अनुयायियों से भी सांस्कृतिक विरासत की रक्षा के लिए सजग रहने का आह्वान किया।

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