
अंकारा/इस्लामाबाद। तुर्की और पाकिस्तान के बीच रक्षा सहयोग नई ऊँचाइयों पर पहुँच गया है। तुर्की अब पाकिस्तान में अटैक ड्रोन असेंबलिंग फैक्ट्री लगाने की तैयारी कर रहा है। इसके साथ ही दोनों देशों ने पाकिस्तान को तुर्की के पांचवीं पीढ़ी के फाइटर जेट प्रोग्राम KAAN में शामिल करने पर भी बातचीत तेज कर दी है।
ड्रोन फैक्ट्री की योजना
तुर्की अपनी डिफेंस इंडस्ट्री को वैश्विक बाजार में फैलाने के लिए पाकिस्तान में एक प्लांट खोलने की योजना बना रहा है। यह फैक्ट्री स्टेल्थ और लंबे समय तक चलने वाले ड्रोन प्लेटफॉर्म का निर्माण करेगी, जिनका इस्तेमाल दोनों देशों की सेनाओं में किया जाएगा।
- अक्टूबर से दोनों पक्षों के बीच बातचीत में महत्वपूर्ण प्रगति हुई है।
- तुर्की के रक्षा मंत्रालय और पाकिस्तान के सूचना मंत्री ने अभी तक इस पर आधिकारिक टिप्पणी नहीं दी है।
तुर्की की डिफेंस इंडस्ट्री में तेजी
- जनवरी से नवम्बर 2025 के बीच तुर्की का रक्षा निर्यात 30% बढ़कर 7.5 अरब डॉलर तक पहुँच गया है।
- तुर्की की सबसे बड़ी ड्रोन निर्माता कंपनी बायकर ने अब तक लगभग 35 देशों को ड्रोन निर्यात किए हैं।
- इन ड्रोन का इस्तेमाल यूक्रेन, अजरबैजान और लीबिया में युद्ध में किया गया।
- बायकर कंपनी के मालिक में तुर्की राष्ट्रपति एर्दोगन के दामाद सेल्कुक बायरकतर शामिल हैं।
पाकिस्तान के साथ पहले से मजबूत रक्षा संबंध
- तुर्की पाकिस्तान की नेवी के लिए कॉर्वेट क्लास वॉरशिप बना रहा है।
- पाकिस्तान के F-16 फाइटर जेट को तुर्की ने मॉडर्नाइज्ड किया है।
- अब तुर्की पाकिस्तान को अपने पांचवीं पीढ़ी के फाइटर जेट प्रोग्राम KAAN में शामिल करने की तैयारी में है।
रणनीतिक महत्व
तुर्की का यह कदम पाकिस्तान को आधुनिक और उन्नत हथियार प्रणाली मुहैया कराने के साथ ही भारत और अन्य पड़ोसी देशों के लिए सुरक्षा संतुलन में बदलाव ला सकता है। तुर्की-पाकिस्तान के बीच बढ़ती यह सैन्य साझेदारी क्षेत्रीय रणनीतिक समीकरण को प्रभावित कर सकती है।