
पटना। बिहार में मशरूम की खेती करने वाले किसानों और उत्पादकों के लिए बड़ी राहत भरी खबर है। अब तक इन्हें व्यावसायिक श्रेणी में रखकर महंगी बिजली उपलब्ध कराई जाती थी, लेकिन सरकार ने ऐलान किया है कि मशरूम उत्पादक किसानों को भी सामान्य किसानों वाली दर पर बिजली मिलेगी।
सस्ती बिजली से किसानों को मिलेगा बड़ा फायदा
अब तक मशरूम उत्पादकों को गैर-घरेलू (व्यावसायिक) उपभोक्ता माना जाता था। इसके तहत ग्रामीण क्षेत्रों में 100 यूनिट तक की खपत पर 3.35 रुपये प्रति यूनिट और उससे अधिक खपत पर 4.21 रुपये प्रति यूनिट, जबकि शहरी क्षेत्रों में पांच किलोवाट तक के कनेक्शन पर 5.67 रुपये प्रति यूनिट देना पड़ता था।
लेकिन अब कृषि मंत्री रामकृपाल यादव ने ऐलान किया कि मशरूम किसानों को सामान्य किसान रेट पर मात्र 55 पैसे प्रति यूनिट की दर से बिजली उपलब्ध कराई जाएगी।
पहले से मिल रही 90% तक सब्सिडी
कृषि मंत्री रामकृपाल यादव ने बताया कि बिहार सरकार पहले से ही अन्य मदों में मशरूम उत्पादक किसानों को 90 प्रतिशत तक सब्सिडी दे रही है। यह निर्णय किसानों की आय बढ़ाने, स्वरोजगार को प्रोत्साहित करने और कृषि को अधिक लाभकारी बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।
बिहार देश में अग्रणी उत्पादक
बिहार देश के कुल मशरूम उत्पादन में करीब 11% का योगदान देता है और ओडिशा को पीछे छोड़ते हुए अग्रणी उत्पादक बन चुका है। राज्य सरकार की सब्सिडी और प्रोत्साहन से ग्रामीण इलाकों में महिलाओं और युवाओं के लिए रोजगार के अवसर बढ़े हैं। गया और भोजपुर जिले इस उत्पादन के प्रमुख केंद्र बनकर उभरे हैं।
उत्पादन और रोजगार की स्थिति
आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2021-22 में बिहार में 28 हजार टन मशरूम का उत्पादन हुआ था, जो वर्ष 2023-24 में बढ़कर 41,310 टन तक पहुंच गया। इस क्षेत्र से लगभग 60 से 70 हजार लोगों को रोजगार मिल रहा है। बिहार से दिल्ली और कोलकाता जैसे बड़े शहरों में भी मशरूम की आपूर्ति की जा रही है। राज्य में बटन, ऑयस्टर और दूधिया मशरूम का उत्पादन सबसे अधिक होता है।
इस निर्णय से बिहार के मशरूम उत्पादक किसानों की आय बढ़ेगी और यह क्षेत्र स्वरोजगार और ग्रामीण आर्थिक सशक्तिकरण में अहम भूमिका निभाएगा।