
नई दिल्ली।
दुनिया के सबसे लोकप्रिय मैसेजिंग ऐप WhatsApp का इस्तेमाल करने वाले करीब तीन अरब यूजर्स की निजता पर बड़ा खतरा सामने आया है। एक साइबर सुरक्षा विशेषज्ञ ने ऐसा टूल विकसित किया है, जो सिर्फ फोन नंबर के जरिए किसी भी यूजर की गतिविधियों पर नजर रख सकता है—वह भी बिना कोई मैसेज भेजे और बिना किसी अलर्ट के।
इस तकनीक को ‘साइलेंट व्हिस्पर’ नाम दिया गया है। यह WhatsApp और Signal जैसे एन्क्रिप्टेड मैसेजिंग ऐप्स में मौजूद एक तकनीकी कमजोरी का फायदा उठाता है। विशेषज्ञ के मुताबिक, इस टूल का उद्देश्य केवल रिसर्च था, लेकिन इसके दुरुपयोग की आशंका ने साइबर सुरक्षा एजेंसियों की चिंता बढ़ा दी है।
कैसे काम करता है यह खतरनाक टूल?
साइबर रिपोर्ट्स के अनुसार, जब WhatsApp या Signal पर कोई मैसेज रिसीव होता है, तो ऐप अपने आप एक अदृश्य कन्फर्मेशन भेजता है। यह प्रक्रिया इतनी तेज होती है कि यूजर को इसकी भनक तक नहीं लगती।
हमलावर इसी कन्फर्मेशन के आने-जाने के समय को मापकर कई अहम जानकारियां निकाल लेता है, जैसे—
- फोन चालू है या बंद
- यूजर एक्टिव है या नहीं
- फोन वाई-फाई पर है या मोबाइल डेटा पर
- यूजर घर पर है या बाहर
लंबे समय तक इस निगरानी से किसी व्यक्ति की दिनचर्या, सोने-जागने का समय और यात्रा की आदतों तक का अंदाजा लगाया जा सकता है, जबकि न तो कोई मैसेज पढ़ा जाता है और न ही कॉन्टैक्ट लिस्ट एक्सेस होती है।
बैटरी और डेटा तेजी से होता है खत्म
इस साइबर अटैक की पहचान आसान नहीं है, लेकिन इसके कुछ संकेत जरूर दिखाई देते हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक, इस हमले के दौरान मोबाइल की बैटरी असामान्य रूप से तेजी से खत्म होती है।
- iPhone 13 Pro में प्रति घंटे लगभग 14% बैटरी ड्रेन
- iPhone 11 में 18% तक बैटरी खत्म
- Samsung Galaxy S23 में करीब 15% बैटरी गिरावट
इसके साथ ही मोबाइल डेटा की खपत भी अचानक बढ़ जाती है और फोन गर्म होने लगता है।
क्या रीड रिसीप्ट बंद करने से मिलेगी राहत?
टूल बनाने वाले एक्सपर्ट का कहना है कि यह केवल रिसर्च के लिए बनाया गया है, लेकिन चिंता की बात यह है कि इसे कोई भी डाउनलोड कर सकता है।
दिसंबर 2025 तक WhatsApp और Signal में इस कमजोरी को पूरी तरह ठीक नहीं किया गया है।
रीड रिसीप्ट बंद करने और अज्ञात नंबरों से मैसेज ब्लॉक करने से कुछ हद तक सुरक्षा मिल सकती है, लेकिन यह पूरी तरह सुरक्षित उपाय नहीं है।
यूजर्स को सतर्क रहने की जरूरत
साइबर एक्सपर्ट्स का कहना है कि यूजर्स को अपने फोन की बैटरी, डेटा उपयोग और असामान्य गतिविधियों पर नजर रखनी चाहिए। साथ ही ऐप्स को हमेशा लेटेस्ट वर्जन पर अपडेट रखना बेहद जरूरी है।