
नई दिल्ली: देश की सबसे बड़ी घरेलू एयरलाइन इंडिगो ने अंतरराष्ट्रीय उड़ानों में भी एयर इंडिया और एयर इंडिया एक्सप्रेस को पीछे छोड़ दिया है। जुलाई-सितंबर 2025 की तिमाही में इंडिगो ने 41.36 लाख अंतरराष्ट्रीय यात्रियों को सेवा दी, जबकि एयर इंडिया ग्रुप के विमान में कुल 41 लाख यात्रियों ने सफर किया। यह पहली बार है जब इंडिगो इंटरनेशनल पैसेंजर संख्या में एयर इंडिया ग्रुप से आगे निकली।
क्या है कारण?
12 जून को एयर इंडिया का एक विमान अहमदाबाद में हादसे का शिकार हुआ था, जिसमें 260 लोगों की जान गई। इस घटना के बाद एयर इंडिया ने लंबी दूरी के रूट्स पर लगभग 15% की कटौती की। हादसे ने यात्रियों के बीच एयर इंडिया के प्रति भरोसे को प्रभावित किया, जिससे इंडिगो को अंतरराष्ट्रीय मार्गों में बढ़त मिली।
इंडिगो की स्थिति
हालांकि इंडिगो की घरेलू उड़ानों में कई रद्द की गईं, अंतरराष्ट्रीय ऑपरेशन पर इसका असर कम पड़ा। 1 दिसंबर से 9 दिसंबर के बीच इंडिगो ने अपनी 2,702 अंतरराष्ट्रीय उड़ानों में से सिर्फ 2.4% रद्द कीं, जबकि घरेलू उड़ानों में लगभग 25% रद्द हुईं।
पिछले रिकॉर्ड की तुलना
इंडिगो पहले भी इंटरनेशनल ट्रैफिक में एयर इंडिया को पीछे कर चुकी है। अप्रैल 2019 में जेट एयरवेज के बंद होने के बाद इंडिगो सबसे बड़ी इंटरनेशनल एयरलाइन बन गई थी।
आगे क्या हो सकता है?
एयर इंडिया कई पुराने बोइंग वाइड-बॉडी विमानों को मरम्मत या लीज पर वापस कर रही है, जिससे लंबी दूरी की क्षमता अस्थायी रूप से कम होगी। वहीं, सरकार इंडिगो की उड़ानों में कम से कम 10% अनिवार्य कटौती पर विचार कर रही है। यह कटौती घरेलू और अंतरराष्ट्रीय मार्गों के बीच कैसे विभाजित होगी, इसका विवरण अभी जारी होना बाकी है।
विशेषज्ञों का कहना है: इंडिगो का यह प्रदर्शन उसकी अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा और ग्राहकों के विश्वास में बढ़ोतरी को दर्शाता है। एयर इंडिया के लिए यह समय सुधार और रणनीति बदलाव का संकेत है।