Saturday, December 13

यूरोफाइटर की संख्या और रफ्तार भी बेअसर

नई दिल्ली/ढाका:
दक्षिण एशिया में बदलते सामरिक समीकरणों के बीच बांग्लादेश की ओर से आधुनिक लड़ाकू विमानों की खरीद की संभावनाओं ने रणनीतिक हलकों में नई चर्चा को जन्म दिया है। रिपोर्ट्स के अनुसार, बांग्लादेश वायुसेना 12 से 16 यूरोफाइटर टायफून लड़ाकू विमान खरीदने पर विचार कर रही है। यदि यह सौदा होता है, तो बांग्लादेश यूरोफाइटर संचालित करने वाला दुनिया का 11वां और दक्षिण एशिया का पहला देश होगा।

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यूरोफाइटर टायफून को जर्मनी, ब्रिटेन, इटली और स्पेन ने मिलकर विकसित किया है। यह एक 4.5 जेनरेशन मल्टी-रोल फाइटर जेट है, जो हवाई युद्ध, सीमित ग्राउंड अटैक और इंटरसेप्शन मिशनों में सक्षम माना जाता है। बांग्लादेश इससे पहले चीनी J-10C लड़ाकू विमान पर विचार कर रहा था, लेकिन राफेल की तुलना में उसकी क्षमताओं को लेकर संदेह गहराने के बाद उसने यूरोफाइटर की ओर रुख किया।

अग्नि-5 के सामने पारंपरिक ताकत बेमानी

इसी बीच रक्षा विशेषज्ञ भारत की अग्नि-5 इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल (ICBM) को क्षेत्रीय रणनीति का निर्णायक कारक बता रहे हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि अग्नि-5 जैसी एक ही मिसाइल किसी भी पारंपरिक लड़ाकू बेड़े की रणनीतिक प्रभावशीलता को निष्प्रभावी कर सकती है।

अग्नि-5 की मारक क्षमता 5,000 किलोमीटर से अधिक है, जो पूरे दक्षिण एशिया में सैन्य ठिकानों, एयरबेस और कमांड सेंटरों को अपनी जद में ले आती है। यह एक रणनीतिक हथियार प्रणाली है, जिसे परमाणु क्षमता के साथ डिजाइन किया गया है और जिसका उद्देश्य युद्ध लड़ना नहीं, बल्कि युद्ध को रोकना और प्रतिरोध स्थापित करना है।

भूमिका का अंतर समझना जरूरी

रक्षा विश्लेषकों के अनुसार, यूरोफाइटर और अग्नि-5 की भूमिकाएं पूरी तरह अलग हैं।

  • यूरोफाइटर टायफून एक टैक्टिकल प्लेटफॉर्म है, जिसका इस्तेमाल सीमित सैन्य अभियानों और हवाई संघर्षों में किया जाता है।
  • अग्नि-5 एक रणनीतिक बैलिस्टिक मिसाइल है, जो राष्ट्र की अंतिम प्रतिरोधक क्षमता का हिस्सा है।

यही कारण है कि किसी भी संख्या में खरीदे गए आधुनिक फाइटर जेट, अग्नि-5 जैसी प्रणाली के सामने रणनीतिक दबाव नहीं बना सकते।

क्यों इंटरसेप्ट नहीं हो सकती अग्नि-5?

विशेषज्ञों के मुताबिक, बैलिस्टिक मिसाइलें री-एंट्री के दौरान मैक 20 से मैक 25 की हाइपरसोनिक रफ्तार हासिल कर लेती हैं। इतनी तेज गति पर किसी भी फाइटर जेट के लिए प्रतिक्रिया देना या इंटरसेप्शन लगभग असंभव हो जाता है। इसके अलावा अग्नि-5 के मोबाइल लॉन्च प्लेटफॉर्म इसे पहले से पहचानना और निशाना बनाना बेहद कठिन बना देते हैं।

निष्कर्ष

बांग्लादेश की ओर से यूरोफाइटर टायफून की संभावित खरीद उसकी वायुसेना के आधुनिकीकरण की दिशा में एक कदम हो सकता है, लेकिन रणनीतिक स्तर पर यह भारत की मिसाइल-आधारित प्रतिरोधक क्षमता के सामने कोई संतुलन नहीं बना सकता। रक्षा विशेषज्ञ मानते हैं कि दक्षिण एशिया में वास्तविक सामरिक शक्ति का निर्धारण आज भी रणनीतिक मिसाइल प्रणालियों से होता है, न कि केवल लड़ाकू विमानों की संख्या से।

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