
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में अवैध रूप से रह रहे विदेशी नागरिकों, विशेषकर रोहिंग्या और बांग्लादेशी घुसपैठियों के खिलाफ योगी आदित्यनाथ सरकार ने बड़े स्तर पर कार्रवाई शुरू कर दी है। चुनाव आयोग द्वारा चलाए गए विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) अभियान में बड़ी संख्या में संदिग्ध विदेशी नागरिकों की पहचान हुई, जिनके लिए डिटेंशन सेंटर में भेजने की तैयारी की जा रही है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस संबंध में प्रदेशवासियों को पत्र लिखा और सोशल मीडिया पर इसे ‘योगी की पाती’ शीर्षक से साझा किया। पत्र में उन्होंने प्रदेश की सुरक्षा, सामाजिक संतुलन और सुदृढ़ कानून-व्यवस्था को सर्वोच्च प्राथमिकता बताते हुए लोगों से सहयोग की अपील की।
मुख्यमंत्री का संदेश:
- अवैध रूप से रह रहे घुसपैठियों के कारण संसाधनों पर अनधिकृत बोझ बढ़ता है और कल्याणकारी योजनाओं का लाभ सही पात्रों तक नहीं पहुँच पाता।
- गृह मंत्रालय और जिला प्रशासन को निर्देश दिए गए हैं कि सभी नगरीय क्षेत्रों में संदिग्ध विदेशी नागरिकों की पहचान कर सूची तैयार की जाए।
- प्रत्येक मंडल में डिटेंशन केंद्र स्थापित किए जा रहे हैं, ताकि घुसपैठियों के खिलाफ अग्रिम कार्रवाई की जा सके।
- नागरिकों से अपील की गई है कि घरेलू या व्यावसायिक काम में किसी भी व्यक्ति को नियुक्त करने से पहले उसकी पहचान सत्यापित करें।
सुप्रीम कोर्ट का हवाला:
सीएम योगी ने पत्र में सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी का जिक्र किया, जिसमें कहा गया कि घुसपैठियों के लिए लाल कालीन नहीं बिछाया जा सकता। मुख्यमंत्री ने इसे स्पष्ट संदेश बताया कि घुसपैठियों को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
योजना का उद्देश्य:
सरकार का उद्देश्य प्रदेश की सुरक्षा को मजबूत करना और सार्वजनिक संसाधनों का अनधिकृत बंटवारा रोकना है। इसके तहत दस्तावेज सत्यापन अभियान चलाया जा रहा है और संदिग्ध विदेशी नागरिकों को चिन्हित कर डिटेंशन केंद्रों में भेजा जा रहा है।
सामूहिक जिम्मेदारी पर जोर:
सीएम योगी ने पत्र में लिखा, “प्रदेश की सुरक्षा हम सबकी सामूहिक जिम्मेदारी है। सुरक्षा ही समृद्धि का आधार है। सतर्क रहकर अवैध गतिविधियों में सहयोग करना हम सबका फर्ज़ है।”
