
भोपाल: मतदाता सूची के गहन सर्वेक्षण यानी स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (एसआईआर) के तहत मंगलवार से भोपाल जिले में डोर-टू-डोर अभियान शुरू हो गया। इस महत्वपूर्ण प्रक्रिया में लापरवाही बरतने पर कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने एक बीएलओ (बूथ लेवल ऑफिसर) को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया।
कलेक्टर सिंह ने बताया कि सहायक ग्रेड-3 प्रशांत दुबे, जो बरकतउल्ला विश्वविद्यालय में पदस्थ हैं, उन्हें गोविंदपुरा विधानसभा के बूथ नंबर 150 पर ड्यूटी दी गई थी। मंगलवार को वे ड्यूटी पर नहीं पहुंचे, जिस पर कलेक्टर ने सख्त कार्रवाई करते हुए उन्हें बर्खास्त कर दिया। कलेक्टर ने चेताया कि ऐसे अन्य कर्मचारियों की भी सूची तैयार की जा रही है, जो इस महत्वपूर्ण सर्वे में लापरवाही करेंगे, उनके विरुद्ध भी कार्रवाई की जाएगी।
कलेक्टर ने खुद किया निगरानी
पहले दिन कलेक्टर सिंह ने कई बूथों पर पहुंचकर मतदाताओं से चर्चा की और सर्वेक्षण की प्रक्रिया का जायजा लिया। एसआईआर अभियान में 2029 बीएलओ और 250 सुपरवाइजर को डोर-टू-डोर सर्वे की जिम्मेदारी दी गई है। प्रत्येक बीएलओ को तीन बार घर-घर जाकर मतदाताओं को गणना पत्रक देने हैं, जिसे मतदाता भरकर लौटाएंगे। पत्रक की दो प्रतियां होंगी – एक मतदाता के पास और दूसरी बीएलओ के पास।
भोपाल जिले में कुल 21 लाख वोटर्स हैं और इस अभियान का उद्देश्य वोटर लिस्ट को पूरी तरह अपडेट करना है। कलेक्टर ने सभी एसडीएम और तहसीलदारों को भी ड्यूटी सौंप दी है। उप जिला निर्वाचन अधिकारी भुवन गुप्ता ने बताया कि अगले पांच-छह दिन तक डोर-टू-डोर फॉर्म वितरित किए जाएंगे और इसके बाद इन्हें संग्रहित किया जाएगा।
2003 के बाद पहला व्यापक सर्वे
2003 के बाद पहली बार वोटर लिस्ट का डोर-टू-डोर सर्वे किया जा रहा है। इसमें यह देखा जाएगा कि वर्तमान सूची में नाम हैं या नहीं और परिवार में किसका नाम 2003 की लिस्ट में था। बीएलओ के फॉर्म में दी गई जानकारी के आधार पर सत्यापन किया जाएगा। किसी भी मतदाता से दस्तावेज नहीं लिए जाएंगे, केवल गणना पत्रक के माध्यम से ही जानकारी का सत्यापन होगा।
एसआईआर सर्वे की प्रक्रिया
- बीएलओ वोटर को गणना पत्रक देंगे।
- पत्रक में नाम, पता, उम्र और EPIC नंबर जैसी जानकारी भरनी होगी।
- परिवार में किसी की मृत्यु, बाहर शिफ्ट या नाम दूसरे राज्य में होने की स्थिति दर्ज की जाएगी।
- संबंधित विधानसभा प्रभारी (एसडीएम) नोटिस देकर आवश्यक दस्तावेज मांग सकते हैं।
पूरी प्रक्रिया का समय-सीमा
- डोर-टू-डोर सर्वे: 1 महीने तक
- प्रारंभिक सूची जारी: दिसंबर
- आपत्ति/सुधार की अंतिम तिथि: 3 जनवरी
- अंतिम सूची प्रकाशित: 7 फरवरी
कलेक्टर सिंह ने कहा, “यह प्रक्रिया पारदर्शी और निष्पक्ष होनी चाहिए। कोई भी अधिकारी या कर्मचारी काम में लापरवाही करेगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। हमारा लक्ष्य है कि भोपाल की मतदाता सूची पूरी तरह अपडेट और सही हो।”