
वॉशिंगटन। दुनिया के सबसे ताकतवर देश अमेरिका में साइबर हमलों की नई घटना सामने आई है। हैकर्स ने देश भर के कई रेडियो स्टेशनों में सेंध लगाकर नकली इमरजेंसी अलर्ट और अनुचित कंटेंट प्रसारित किया, जिससे हजारों श्रोतागण प्रभावित हुए।
कहाँ-कहाँ हुआ हमला
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, यह साइबर हमला पिछले हफ्ते वर्जीनिया के NPR एफिलिएट WVTF और ह्यूस्टन में ESPN 97.5 पर डलास काउबॉयज के मैच के दौरान हुआ। हैकर्स ने इमरजेंसी अलर्ट सिस्टम (EAS) का इस्तेमाल किया, जिसमें आमतौर पर तूफान, बवंडर जैसी आपदाओं की चेतावनी दी जाती है।
ह्यूस्टन में श्रोताओं को फुटबॉल मैच की जगह नकली आपातकालीन टोन, नस्लवादी कंटेंट और हैकर्स के सोशल मीडिया प्रचार सुनाई दिए। वर्जीनिया स्टेशन ने बताया कि हैकर्स ने उनके बैकअप ऑडियो सिस्टम का फायदा उठाया और मेन फीड में अचानक सन्नाटा छा जाने पर अपनी मर्जी का कंटेंट चला दिया।
क्यों हुआ हमला?
रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस हैकिंग का मुख्य कारण स्विस कंपनी Barix के उपकरण में सुरक्षा कमजोरी है। हैकर्स ने स्टूडियो-ट्रांसमीटर लिंक को निशाना बनाया और इसे कॉन्फ़िगर करके अपनी ऑडियो स्ट्रीम प्रसारित की। इसमें नकली इमरजेंसी सिग्नल, गंदी भाषा और अनुचित कंटेंट शामिल था।
FCC ने रेडियो स्टेशनों को सुरक्षा के लिए दिए निर्देश
अमेरिकी संघीय संचार आयोग (FCC) ने रेडियो स्टेशनों को सुरक्षा बढ़ाने के उपाय अपनाने को कहा है। इसमें शामिल हैं:
- डिफॉल्ट पासवर्ड बदलना
- सॉफ्टवेयर अपडेट तुरंत इंस्टॉल करना
- नेटवर्क फायरवॉल का इस्तेमाल
- उपकरणों के ऑडिट लॉग की लगातार निगरानी
- VPN का उपयोग
विशेष जानकारी: Barix ने 2016 में कहा था कि उनके उपकरण मजबूत पासवर्ड और ठीक कॉन्फ़िगरेशन के साथ सुरक्षित रहते हैं। बावजूद इसके, हाल की घटना ने यह साबित किया कि रेडियो और मीडिया सुरक्षा पर लगातार ध्यान देना कितना जरूरी है।