
बांदा। उत्तर प्रदेश के बांदा जिले में विधानसभा चुनाव की तैयारियों के तहत चल रहे विशेष प्रगाढ़ पुनरीक्षण (SIR) अभियान में नरैनी तहसील का प्रदर्शन सबसे पीछे पाया गया है। समीक्षा में लगातार लापरवाही सामने आने के बाद प्रशासन ने सोमवार को नरैनी क्षेत्र के 52 बीएलओ (Booth Level Officer) और लगभग दो दर्जन सुपरवाइजरों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। समय पर जवाब न देने पर इनके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जा सकता है।
काम में सुस्ती और बाधाएँ
बेसिक शिक्षा अधिकारी अव्यक्त राम तिवारी ने बताया कि कई बीएलओ और सुपरवाइजरों ने बार-बार निर्देश मिलने के बावजूद SIR कार्य में रुचि नहीं दिखाई। नरैनी तहसील में केवल 25 प्रतिशत ही फार्म जमा हो पाए हैं, जबकि अंतिम तिथि 4 दिसंबर निर्धारित है। किसानों का खेतों में व्यस्त होना और मजदूरों का बाहर काम पर जाना इस कार्य में मुख्य बाधा बन रहा है। कई बीएलओ केवल प्रपत्र बांटकर लौट आ रहे हैं, जिससे ग्रामीणों को कॉलम भरने में परेशानी हो रही है।
प्रशासन का सख्त रुख
बीएसए ने सभी बीएलओ और सुपरवाइजरों को चेतावनी दी है कि यदि अपेक्षित प्रगति नहीं दिखाई गई तो लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1950, 1951 और 1989 की धारा 32 के तहत कार्रवाई की जाएगी। सभी कर्मियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे घर-घर जाकर मतदाता सत्यापन, नए नाम जोड़ने और डेटा अपलोडिंग का कार्य समय पर पूरा करें।
प्रशासन ने स्पष्ट किया कि SIR प्रक्रिया बेहद महत्वपूर्ण है और किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। यह चुनावी तैयारियों को प्रभावित करने वाली गंभीर समस्या है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।