
देहरादून/बद्रीनाथ: भगवान बद्रीविशाल के मंदिर के कपाट आज श्रद्धालुओं के लिए बंद हो जाएंगे। इसके बाद चारधाम यात्रा अगले छह माह तक मुख्य धामों में बंद रहेगी, लेकिन भक्त शीतकालीन प्रवास स्थलों पर भगवान के दर्शन कर सकते हैं। प्रदेश सरकार इस अवसर पर शीतकालीन यात्रा को बढ़ावा दे रही है।
बंद होने के समय और भव्य सजावट
आज दोपहर 2 बजकर 56 मिनट पर बद्रीनाथ मंदिर के कपाट बंद कर दिए जाएंगे। मंदिर को 10 क्विंटल फूलों से भव्य रूप से सजाया गया है। 21 नवंबर से शुरू हुई पांच पूजाओं के अंतर्गत गणेश मंदिर, आदि केदारेश्वर और आदि गुरु शंकराचार्य गद्दी स्थल के कपाट बंद किए गए और शीतकाल के लिए वेद ऋचाओं का वाचन भी रोका गया।
शीतकालीन प्रवास स्थलों पर दर्शन
बद्रीनाथ धाम के शीतकालीन प्रवास स्थल पांडुकेश्वर योगध्यान बद्री मंदिर में भगवान बद्रीविशाल के दर्शन किए जा सकते हैं।
अन्य धामों का शीतकालीन प्रवास इस प्रकार है:
- केदारनाथ: ऊखीमठ स्थित ओंकारेश्वर मंदिर
- गंगोत्री: मुखबा गांव
- यमुनोत्री: खरसाली
शीतकालीन यात्रा में श्रद्धालुओं की संख्या कम होती है, जिससे उन्हें शांत और सुरम्य वातावरण में पूजा-अर्चना का अवसर मिलता है। वहीं, पर्यटन विभाग ने इसे विंटर टूरिज्म और एडवेंचर पर्यटन से जोड़कर पूरे प्रदेश में सर्किट बनाने की योजना बनाई है।
मौसम और मान्यता
चारों धामों में नवंबर से मार्च तक भारी बर्फबारी और ठंड पड़ती है। इसलिए देवताओं को शीतकालीन स्थलों पर स्थानांतरित किया जाता है ताकि तीर्थयात्रियों को कठिन मौसम में भी पूजा और दर्शन का अवसर मिल सके।
शीतकालीन यात्रा में श्रद्धालु न केवल भक्ति का अनुभव कर सकते हैं, बल्कि ऊखीमठ, जोशीमठ और आसपास के हिल स्टेशन जैसे औली, त्रियुगीनारायण, तुंगनाथ में विंटर गेम्स और पर्यटन का आनंद भी ले सकते हैं।
इस वर्ष भी शीतकालीन यात्रा में श्रद्धालुओं की बड़ी संख्या के आने की उम्मीद है, जिससे अध्यात्म और पर्यटन दोनों को बढ़ावा मिलेगा।