Tuesday, November 25

जू की रानी ग्रैमा नहीं रहीं: सैन डिएगो जू की सबसे बुजुर्ग गैलापागोस कछुआ 141 साल की उम्र में निधन

सैन डिएगो/वॉशिंगटन: गैलापागोस कछुओं की विलुप्तप्राय प्रजाति की मादा कछुआ ग्रैमा अब इस दुनिया में नहीं हैं। करीब डेढ़ सदी तक जीवित रहने वाली ग्रैमा ने 20 नवंबर को 141 साल की उम्र में अंतिम सांस ली।

जू अधिकारियों के अनुसार, रोमेन लेट्यूस और कैक्टस फल खाने वाली ग्रैमा अपनी शर्मीली और प्यारी पर्सनैलिटी के लिए जू में हमेशा प्रिय रही। कर्मचारियों और विजिटर्स के बीच उसे प्यार से “जू की रानी” कहा जाता था। जू ने बताया कि ग्रैमा की मौत वृद्धावस्था और हड्डियों की समस्याओं के बढ़ने के कारण हुई।

ग्रैमा 1928 या 1931 में ब्रोंक्स जू से सैन डिएगो जू आई थी और तब से उसने जू में दशकों तक लोगों का दिल जीता। उसके देखने का अनुभव कई पशुप्रेमियों ने सोशल मीडिया पर साझा किया और उसे याद किया।

दुर्लभ प्रजाति की चुनौती
गैलापागोस कछुओं की 15 उप-प्रजातियाँ हैं, जिनमें से तीन को वैज्ञानिकों ने विलुप्त मान लिया है। बाकी सभी गंभीर रूप से संकटग्रस्त हैं। चिड़ियाघरों में इनकी लंबी उम्र और संरक्षण की कोशिशें जारी हैं। इसी साल अप्रैल में फिलाडेल्फिया जू में पहली बार करीब 100 साल के माता-पिता गैलापागोस कछुओं ने चार बच्चों को जन्म दिया।

ग्रैमा की मौत ने न केवल सैन डिएगो जू बल्कि पूरे पशु प्रेमियों को दुःख में डाला है। उसकी लंबी उम्र और शांत स्वभाव ने उसे जू का अमूल्य रत्न बना दिया।

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