
कोटा/बूंदी। रबी सीजन के crucial समय में राजस्थान के हाड़ौती क्षेत्र में खाद की भारी कमी ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है। बूंदी जिले के सुमेरगंजमंडी में गुरुवार को यूरिया वितरण के दौरान ऐसी भगदड़ मची कि 5 महिलाएं गंभीर रूप से घायल हो गईं। खाद लेने के लिए सुबह से भूखे-प्यासे लाइन में खड़े किसानों में अफरा-तफरी मच गई, जिसके बाद पुलिस ने मौके पर पहुँचकर हालात संभाले और 7 लोगों को शांतिभंग में गिरफ्तार किया।
यूरिया और डीएपी की सप्लाई आधी, किसानों में बढ़ता आक्रोश
रबी फसल की बुवाई अपने चरम पर है और इसी दौरान खाद की कमी ने हालात खराब कर दिए हैं।
कोटा कृषि विस्तार विभाग के निदेशक अशोक शर्मा के मुताबिक—
- हाड़ौती में 3 लाख 55 हजार मीट्रिक टन यूरिया की ज़रूरत है,
लेकिन अब तक 1 लाख 44 हजार मीट्रिक टन ही पहुंच सका।
इसमें से 1 लाख 18 हजार मीट्रिक टन किसानों को बांटा जा चुका है। - डीएपी की डिमांड 1 लाख 16 हजार मीट्रिक टन,
जबकि सप्लाई मात्र 55 हजार मीट्रिक टन हुई है।
इनमें से 48 हजार मीट्रिक टन बांटा जा चुका है और 6000 मीट्रिक टन अब भी वितरण के इंतजार में है।
किसानों का कहना है कि इस कमी से गेहूं की समय पर बुवाई पर सीधा असर पड़ रहा है।
3 घंटे में खत्म हुए 1400 बैग, महिलाओं ने उठाए गंभीर सवाल
सुमेरगंजमंडी सहकारी समिति में पहुंचे 1400 यूरिया बैग 3 घंटे में ही खत्म हो गए। सुबह 10 बजे जैसे ही वितरण शुरू हुआ, भीड़ काबू से बाहर हो गई।
घायल महिलाओं में—
- मूर्ति बाई बैरवा
- सैता बाई मीणा
- बद्री बाई मीणा
और दो अन्य महिलाएं शामिल हैं।
महिलाओं ने आरोप लगाया कि—
“हर बार खाद वितरण में अव्यवस्था रहती है, अधिकारी ढंग से लाइन नहीं बनवाते और अक्सर कालाबाजारी भी होती है।”
एक महिला को होश आने में दो घंटे लगे, जबकि एक को पाँच टांके लगाने पड़े। पुलिस और प्रशासन के अधिकारी मौके पर पहुंचे और स्थिति को सामान्य किया।
अव्यवस्था पर किसानों का फूटा गुस्सा, सड़क पर लगाया जाम
भगदड़ के बाद किसानों को कृषि मंडी में खाद वितरण का आश्वासन दिया गया, लेकिन एक घंटे तक कोई कर्मचारी नहीं पहुँचा।
नाराज किसानों ने कृषि उपज मंडी के सामने सड़क जाम कर दी और जोरदार नारेबाजी की।
थानाधिकारी रामलाल मीणा ने किसानों को समझाया और समाधान का भरोसा दिलाया, तब जाकर जाम खुल पाया।
बाद में प्रशासन की निगरानी में वितरण दोबारा शुरू हुआ, लेकिन किसानों को केवल दो-दो कट्टे ही दिए गए।
किसानों ने सवाल उठाए—
“दो कट्टों से क्या होगा? बुवाई कैसे पूरी करेंगे? सरकार जल्द पर्याप्त खाद उपलब्ध कराए।”
खाद संकट से फसल पर मंडराया खतरा
यदि जल्द सप्लाई नहीं बढ़ाई गई, तो
- गेहूं की बुवाई प्रभावित होगी,
- उत्पादन पर असर पड़ेगा,
- और किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है।
किसान संगठनों का कहना है कि सरकार तत्काल आपूर्ति बढ़ाए और कालाबाजारी पर सख्त कार्रवाई करे, ताकि आगामी रबी सीजन को बचाया जा सके।